लखनऊ: मुख्तार अंसारी परिवार और पूर्व जज सभाजीत यादव, बीएसपी में शामिल हो गये हैं.बसपा प्रमुख मायावती ने कौमी एकता दल के नेता मुख्तार को मऊ सदर, सिगबतुल्लाह को मुहम्मदाबाद और बेटे अब्बास अंसारी को घोसी से टिकट दिया है। बसपा प्रमुख मायावती ने अंसारी बंधुओंऔर पूर्व जज सभाजीत यादव को प्रेस कोंफ्रेंस कर बीएसपी ज्वाइन कराने की घोषणा की. सपा से टिकट कटने के बाद से ही उनके बीएसपी में जाने की अटकलें तेज हो गई थीं. मुख्तार अंसारी पर हत्या और अवैध वसूली समेत कई आरोप हैं. उन पर बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप है, जिसका केस दिल्ली की अदालत में चल रहा है.
शामिल होने के दौरान अफजाल अंसारी ने बताया कि मुलायम और शिवपाल ने समाजवादी पार्टी में कौमी एकता दल का विलय करवाया था, लेकिन अखिलेश इसके खिलाफ थे. बाद में जब समाजवादी पार्टी की नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया तो मुख्तार के भाई को सिगबतुल्लाह को उन्होंने बुलाकर सपोर्ट करने को कहा था. अखिलेश ने चुनाव आयोग में अपने सपोर्ट वाले जिन विधायकों का एफेडेविट दिया था उसमें उनका भी था. सिगबतुल्लाह का कहना है कि बाद में अखिलेश ने उनसे कहा कि आप चुनाव प्रचार कीजिए, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने मउ सीट पर मुख्तार के खिलाफ अल्ताफ अंसारी को टिकट दिया और मुख्तार के भाई सिगबतुल्लाह की मोहम्मदाबाद सीट कांग्रेस को दे दी. अंसारी भाइयों का कहना है कि यह उनके साथ धोखा है.
मुख्तार पर हत्या-वसूली जैसे कई केस दर्ज हैं. वैसे मुख्तार एक बहुत बड़े राजनीतिक परिवार से हैं. मुख्तार के दादा डॉ अंसारी कांग्रेस के नेशनल प्रेजिडेंट थे, जिनके नाम से दिल्ली में डॉ. अंसारी रोड है और मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर उस्मान थे, जिन्हें परमवीर चक्र मिला था.