मुख्यमंत्रियों के पैनल ने सौपी रिपोर्ट, 50 हजार से ज्यादा की नकदी निकासी पर लगे टैक्स

tax1नई दिल्ली, बैंकों से 50 हजार रुपए और इससे ज्यादा नकदी निकासी पर ट्रांजेक्शन टैक्स लगाए जाने की सिफारिश करते हुए मुख्यमंत्रियों की समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी है। जल्द ही कार्ड से लेनदेन करने पर लगने वाला ट्रांजेक्शन टैक्स खत्म हो सकता है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्राबाबू नायडू की अगुवाई वाली मुख्यमंत्रियों की कमेटी ने कल पीएम मोदी को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। डिजिटल लेनेदेन को बढ़ावा देने के लिए कमेटी ने कई सिफारिशें की हैं। बता दें कि कांग्रेस नीत यूपीए गठबंधन को साल 2005 में ऐसा ही कदम उठा लेने के बाद हुए विरोध के चलते इसे वापस लेना पड़ा था। नायडू ने स्पष्ट करते हुए कहा-उस समय डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं था और इसी कारण इस कदम का विरोध हुआ था। अब हमारे पास डिजिटल ट्रांजैक्शन और मोबाइल हैं जो इस सबको बेहद आसान बनाते हैं। नायडू ने आगे कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि इन सिफारिशों को आगामी केंद्रीय बजट, जोकि 1 फरवरी को पेश किया जाना है, में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्रियों की कमेटी ने कार्ड से भुगतान पर सर्विस चार्ज या फिर मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर को खत्म करने की सिफारिश की है। अभी डेबिट कार्ड पर 0.25 से 1 फीसद की दर से सर्विस चार्ज लगता है, जबकि क्रेडिट कार्ड पर ये 1 से 2.5 फीसद के बीच है। मुख्यमंत्रियों की इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, बड़े लेन-देन के मामले में नकदी के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए 50 हजार रुपए से ज्यादा के लेनदेन पर बैंक द्वारा कर लगाया जाए। हर तरह के बड़े लेनदेन में नकदी के लेनदेन की अधिकतम सीमा तय की जाए। रिपोर्ट में आधार कार्ड के इस्तेमाल पर खास जोर दिया गया है और कहा गया है कि बैंकों द्वारा केवाईसी फॉर्म (ज्ञल्ब् थ्वतउ) में आधार कार्ड नंबर को प्राथमिक पहचान चिह्न बनाया जाना चाहिए और इस संबंध में मौजूदा आधार कानून का इस्तेमाल किया जा सकता है। डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए आम आदमी के साथ-साथ व्यापारियों को भी राहत देने का प्रयास किया गया है। कमेटी ने डिजिटल माध्यम से भुगतान लेने वाले व्यापरियों को टैक्स में छूट देने, छोटे व्यापरियों को स्मार्ट फोन के लिए 1000 रुपये की सब्सिडी देने, डिजिटल पेमेंट अपनाने वाले आम लोगों को टैक्स रिफंड देने और आधार के जरिए भुगतान को बढावा देने की सिफारिश की है। कमेटी को उम्मीद है कि इन सिफारिशों को इस बार के बजट में भी जगह मिलेगी।

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