***विपणन वर्ष 2016-17 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय नीति को मंजूरी***
मंत्रिपरिषद ने खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत 01 अक्टूबर, 2016 से 28 फरवरी, 2017 तक राज्य एवं केन्द्र सरकार की एजेन्सियों के माध्यम से धान क्रय किया जाएगा। काॅमन धान का समर्थन मूल्य 1470 रुपये प्रति कुन्तल तथा ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 1510 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। धान खरीद का कार्यकारी लक्ष्य 50 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है।
खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में 10 क्रय एजेन्सियों के 2600 केन्द्र खोले जाएंगे। खाद्य विभाग की विपणन शाखा के क्रय केन्द्रों की संख्या 550 तथा कार्यकारी लक्ष्य 12 लाख मीट्रिक टन होगा। उ0प्र0 राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम (एफ0एस0सी0) के क्रय केन्द्रों की संख्या 100 तथा कार्यकारी लक्ष्य 03 लाख मीट्रिक टन होगा। उ0प्र0 कर्मचारी कल्याण निगम के क्रय केन्द्रों की संख्या 150 तथा कार्यकारी लक्ष्य 04 लाख मीट्रिक टन होगा। पी0सी0एफ0 के क्रय केन्द्रों की संख्या 1200 तथा कार्यकारी लक्ष्य 10 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। उ0प्र0 कोआॅपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पी0सी0यू0) के क्रय केन्द्रों की संख्या 150 तथा कार्यकारी लक्ष्य 03 लाख मीट्रिक टन होगा। यू0पी0 एग्रो के क्रय केन्द्रों की संख्या 150 तथा कार्यकारी लक्ष्य 04 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है।
इसके अलावा, भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एन0सी0सी0एफ0) के क्रय केन्द्रों की संख्या 50 तथा कार्यकारी लक्ष्य 01 लाख मीट्रिक टन होगा। नैफेड के क्रय केन्द्रों की संख्या 50 तथा कार्यकारी लक्ष्य 01 लाख मीट्रिक टन होगा। भारतीय खाद्य निगम के क्रय केन्द्रों की संख्या 100 तथा कार्यकारी लक्ष्य 02 लाख मीट्रिक टन होगा। इसके अतिरिक्त, प्राइवेट प्लेयर्स (भारतीय खाद्य निगम) के क्रय केन्द्रों की संख्या 100 तथा कार्यकारी लक्ष्य 10 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है।
लखनऊ सम्भाग के जनपद लखीमपुर तथा बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी एवं चित्रकूट मण्डलों में धान क्रय की अवधि 01 अक्टूबर, 2016 से 31 जनवरी 2017 तक निर्धारित की गई है। लखनऊ सम्भाग के जनपद लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर व हरदोई तथा कानपुर, फैजाबाद, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं इलाहाबाद मण्डलों में 1 नवम्बर, 2016 से 28 फरवरी, 2017 तक धान की खरीद होगी। जनपद के अन्दर एजेन्सी वार क्रय केन्द्रों का निर्धारण जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा। क्रय केन्द्र प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक खुलेंगे। परन्तु जिलाधिकारी स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार क्रय केन्द्र के खुलने व बन्द होने के समय में परिवर्तन हेतु अधिकृत होंगे। क्रय केन्द्र रविवार व राजपत्रित अवकाश में बन्द रहेंगे।
किसानों से धान की खरीद उनके कृषि संबंधी अभिलेखों अथवा चकबन्दी संबंधी संगत भूलेख के आधार पर की जाएगी। धान क्रय पंजिका में किसान का यथासम्भव मोबाइल/फोन नम्बर भी अंकित किया जाएगा। समस्त एजेन्सियों के क्रय केन्द्रों पर धान की उतराई, छनाई एवं सफाई का खर्च कृषकों से नहीं लिया जाएगा। इस पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति मण्डी परिषद द्वारा की जाएगी। सभी क्रय एजेन्सियों द्वारा धान के मूल्य का भुगतान आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से किया जाएगा, किन्तु जहां आर0टी0जी0एस0 की सुविधा नहीं होगी, वहां एकाउण्ट पेयी चेक के माध्यम से भुगतान किया जाएगा।
***लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना के लिए काॅमन एप्लीकेशन फाॅर्म पर आधारित आॅनलाइन एकल मेज व्यवस्था की सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला***
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना के लिए सर्वनिष्ठ आवेदन पत्र (काॅमन एप्लीकेशन फाॅर्म) पर आधारित आॅनलाइन एकल मेज व्यवस्था (निवेश मित्र) की सुविधा उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में फैसला लिया है। फैसले के अनुसार लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित करने में सुगमता, पारदर्शिता और उद्यमियों के समय की बचत तथा सम्बन्धित विभागों की समय से कार्यवाही व जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सर्वनिष्ठ आवेदन पत्र पर आधारित आॅनलाइन एकल मेज व्यवस्था (निवेश मित्र) का संचालन पूरे प्रदेश में किया जाएगा।
इस व्यवस्था के प्रभावी संचालन तथा समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समिति गठित की जाएगी। लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाइयों द्वारा वेबसाइट पर आॅनलाइन, काॅमन एप्लीकेशन फाॅर्म भरकर जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र को प्रिन्ट आउट की एक प्रति भेजी जाएगी। उपायुक्त, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र सभी विभागों से समन्वय बनाकर जिला उद्योग बन्धु के माध्यम से आवश्यक स्वीकृतियां एवं अनापत्तियां इकाई को उपलब्ध कराएंगे।
इस नीति में लघु एवं मध्यम उद्योग (प्लाण्ट एवं मशीनरी में पूंजी निवेश 25 लाख रुपए से 10 करोड़ रुपए तक करने वाली इकाइयों) द्वारा भी इस फाॅर्म तथा टेम्पलेट का प्रयोग कतिपय संशोधनों के साथ किया जा सकेगा। सर्वनिष्ठ आवेदन प्रपत्र के माध्यम से स्वीकृतियों को प्राप्त करने हेतु आॅनलाइन प्रार्थना पत्रों में आवेदन किए जाने पर सम्बन्धित विभाग द्वारा प्रत्येक दशा में एक बार में ही सभी प्रकार की पृच्छाएं की जाएंगी। सर्वनिष्ठ आवेदन पत्र की व्यवस्था आबकारी विभाग पर प्रभावी नहीं होगी।
***‘तालाबों की मत्स्य उत्पादन क्षमता का विकास योजना’ के दिशा-निर्देश मंजूर***
मंत्रिपरिषद ने वर्ष 2016-17 में मत्स्य विभाग की स्वीकृत नवीन योजना ‘तालाबों की मत्स्य उत्पादन क्षमता का विकास योजना’ के कार्यान्वयन हेतु दिशा-निर्देशों सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। तालाबों की मत्स्य उत्पादन क्षमता का विकास योजना के अन्तर्गत 1 हेक्टेयर के तालाब पर 10 प्रतिशत का जल क्षेत्र अर्थात 0.1 हेक्टेयर नर्सरी स्थापना हेतु आरक्षित रखा जाएगा। 0.1 हेक्टेयर की नर्सरी में 50 हजार जीरा आकार के उन्नतशील मत्स्य बीज संचय एवं उनका पोषण कर 10 से 15 हजार बड़े आकार (70 एम0एम0 से 100 एम0एम0) मत्स्य अंगुलिका का उत्पादन किया जाएगा, जिसे 1 हेक्टेयर तालाब में संचय कर मत्स्य बीज मृत्यु दर को नियंत्रित करते हुए एवं उसमें कमी लाते हुए 40 से 50 कुन्तल प्रति हेक्टेयर/प्रति वर्ष मछली का सुनिश्चित उत्पादन किया जाना सम्भावित हो सकेगा।
वर्ष 2016-17 हेतु प्रत्येक जनपद में 10 लाभार्थी (प्रति लाभार्थी एक हेक्टेयर तालाब पर 0.1 हेक्टयर नर्सरी निर्माण) अथवा कुल 10 हेक्टेयर तालाब पर 01 हेक्टेयर नर्सरी निर्माण प्रत्येक जनपद का लक्ष्य रखा गया है। लाभार्थियों का चयन जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। इसके लिए वर्ष 2016-17 में राज्य पोषित नवीन योजना के रूप में 187.50 लाख रुपए का बजट प्राविधान किया गया है।
***आगरा से इटावा तक निर्मित किए जा रहे साइकिल हाईवे पर प्रतिवर्ष अन्तर्राष्ट्रीय साइकिल रैली आयोजित कराने का निर्णय***
ईको पर्यटन तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनसामान्य को प्रोत्साहित करने के लिए मंत्रिपरिषद ने, आगरा से इटावा स्थित बब्बर शेर प्रजनन केन्द्र एवं लायन सफारी तक, निर्मित किए जा रहे साइकिल हाईवे पर प्रतिवर्ष वन विभाग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय साइकिल रैली व इस प्रकार के अन्य आयोजन संबंधित विभागों के सहयोग से कराने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है।
इसके साथ ही, वन एवं वन्यजीव विभाग के आगरा, फिरोजाबाद तथा इटावा में स्थित वन विश्राम गृहों का उच्चीकरण किए जाने तथा आवश्यकतानुसार उच्चस्तरीय वन विश्राम गृहों के निर्माण की अनुमति भी प्रदान कर दी है। वन एवं वन्यजीव विभाग में ईको पर्यटन से सम्बन्धित अन्य आवश्यक अवस्थापनाओं जैसे पर्यटकों के भ्रमण हेतु वाहन (15 टाटा जीनाॅन) ए0सी0 गड़ियों के क्रय तथा स्पाॅटिंग स्कोप तथा दूरबीन आदि के सुदृढ़ीकरण की अनुमति भी प्रदान कर दी गई है।
बब्बर शेर प्रजनन केन्द्र एवं लायन सफारी में विकसित की जा रही सुविधाओं के संचालन हेतु विश्वस्तरीय एजेन्सी की नियुक्ति हेतु कंसल्टेन्ट के चयन की कार्यत्तर अनुमोदन भी प्रदान कर दिया गया है। इस प्रकरण पर अन्य निर्णय लेने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत करने का फैसला भी लिया गया है।
***राज्य में निजी सहभागिता से खेल अकादमियों को विकसित करने की नीति बनाने का निर्णय***
मंत्रिपरिषद ने राज्य में निजी सहभागिता से खेल अकादमियों को विकसित करने की नीति बनाने का निर्णय लिया है। खेल अकादमी हेतु सामान्यतः इण्डोर खेलों के लिए 1 से 2 एकड़ तक एवं आउटडोर खेलों के लिए 3 से 5 एकड़ तक भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। मान्यता प्राप्त खेलों में प्रत्येक खेल के लिए अधिकतम एक अकादमी विकसित करने हेतु भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। भूमि की आवश्यकता एवं आवंटन का निर्धारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। निजी सहभागिता से खेल अकादमियों को विकसित करने के लिए प्रमुख सचिव खेल की अध्यक्षता में एक अनुश्रवण समिति का गठन किया जाएगा। खेल विभाग द्वारा भूमि लीज के आधार पर दी जाएगी।
निजी सहभागिता के द्वारा खेल जगत के विकास की अपार सम्भावना को देखते हुए यदि खेल संघ या कारपोरेट सेक्टर इस क्षेत्र में आते हैं, तो खेल एवं खिलाड़ियों का निश्चित रूप से विकास होगा तथा निजी क्षेत्र एवं खेल संघों के सहयोग से विभिन्न खेलों के निपुण व्यक्तियों की सहभागिता से मान्यता प्राप्त खेलों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को विकसित किया जाएगा। इससे शासन के सीमित संसाधनों के अलावा, निजी क्षेत्र में उपलब्ध विशेषज्ञ सुविधाओं का उपयोग हो सकेगा।
निजी क्षेत्र के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण का लाभ खिलाड़ियों को उपलब्ध होगा तथा निजी क्षेत्र में उपलब्ध तकनीकी विशेषज्ञ एवं उनकी विशेषज्ञता को सर्वसुलभ कराने एवं आधुनिक उपकरण और आधुनिक प्रशिक्षण के तरीकों को खिलाड़ियों को उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी।
***उ0प्र0 लघु उद्योग निगम को ‘मैन पावर आउट सोर्सिंग एजेन्सी’ के रूप में देय सेवा शुल्क में कमी करने का निर्णय***
मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 लघु उद्योग निगम लि0, कानपुर को ‘मैन पावर आउट सोर्सिंग एजेन्सी’ के रूप में देय सेवा शुल्क में कमी करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सम्बन्धित शासनादेश में आंशिक संशोधन करते हुए उ0प्र0 लघु उद्योग निगम द्वारा विभिन्न विभागों द्वारा मांगे गए कार्मिकों के क्रम में आपूर्ति किए जाने की दशा में कार्मिकों को दिए जाने वाले मासिक पारिश्रमिक का 5 प्रतिशत सेवा शुल्क के रूप में लिया जाएगा। अभी तक यह सेवा शुल्क मासिक पारिश्रमिक का 10 प्रतिशत लिया जाता था।
यह निर्णय उ0प्र0 लघु उद्योग निगम की दरों को प्रतिस्पर्धात्मक बनाए जाने तथा शासकीय विभागों में मितव्ययिता के दृष्टिगत लिया गया है। ज्ञातव्य है कि प्रदेश के विभिन्न विभागों, निगमों एवं उपक्रमों को सुनियोजित तरीके से मैन पावर उपलब्ध कराने, उपयुक्त कार्मिकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने तथा विभिन्न श्रम संविदा नियमों, कर्मचारी कल्याण नियमों एवं निगम की आय के स्रोतों में वृद्धि के दृष्टिगत शासनादेश संख्या-1753/18-1-14-9(नि)14 दिनांक 27 अक्टूबर, 2014 द्वारा विभिन्न विभागों, निगमों एवं उपक्रमों हेतु उ0प्र0 लघु उद्योग निगम को मैन पावर आउट सोर्सिंग एजेन्सी नामित किया गया है, जिसके क्रम में निगम द्वारा विभिन्न विभागों, निगमों एवं उपक्रमों में मैन पावर की आपूर्ति की जा रही है।
***गुरू गोविन्द सिंह स्पोर्ट्स काॅलेज, वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स काॅलेज एवं सैफई स्पोर्ट्स काॅलेज के खेल अध्यापकों एवं सहायक खेल अध्यापकों को विनियमित करने का निर्णय***
मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 स्पोर्ट्स काॅलेजेज सोसाइटी, लखनऊ के अन्तर्गत संचालित गुरू गोविन्द सिंह स्पोर्ट्स काॅलेज लखनऊ एवं वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स काॅलेज गोरखपुर एवं सैफई स्पोर्ट्स काॅलेज में कार्यरत खेल अध्यापकों एवं सहायक खेल अध्यापकों को विनियमित करने का निर्णय लिया है।
निर्णय के अनुसार उ0प्र0 स्पोर्ट्स काॅलेजेज सोसाइटी, लखनऊ के अधीन संचालित स्पोर्ट्स काॅलेजों में कार्यरत उन्हीं खेल अध्यापकों एवं सहायक खेल अध्यापकों को विनियमित किया जाएगा, जो चयन हेतु निर्धारित अधिकतम आयु सीमा पार कर चुके हों अर्थात् जिनकी आयु 40 वर्ष से अधिक हो चुकी हो और उनके द्वारा सम्बन्धित स्पोर्ट्स काॅलेजों में कम से कम 6 वर्ष का प्रशिक्षण प्रदान किया गया हो। साथ ही, जिनके प्रशिक्षणार्थियों ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां हासिल की हों तथा जिनके लिए सृजित पद उपलब्ध हों।
उ0प्र0 स्पोर्ट्स काॅलेजेज सोसाइटी, लखनऊ के अधीन संचालित स्पोर्ट्स काॅलेजों में खेल अध्यापकों एवं सहायक खेल अध्यापकों के विनियमितीकरण हेतु विशेष सचिव खेल की अध्यक्षता में एक विनियमितीकरण समिति गठित की जाएगी। विनियमितीकरण के उपरान्त व्यय होने वाली धनराशि अनुदान के रूप में राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। उन्हीं खेल अध्यापकों और सहायक खेल अध्यापकों को विनियमित किया जाएगा तो स्वयं सम्बन्धित खेल में एन0आई0एस0 डिप्लोमा धारित हों और जिनके प्रशिक्षणार्थियों द्वारा राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां हासिल की गई हों।
वर्तमान में इन काॅलेजों में मानदेय पर खेल अध्यापक एवं सहायक खेल अध्यापक रखे गए हैं। इन काॅलेजों के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया है। वित्त विभाग द्वारा निर्गत विनियमितीकरण से सम्बन्धित शासनादेश 13 अगस्त, 2015 एवं 24 फरवरी, 2016 में इन खेल अध्यापकों एवं सहायक खेल अध्यापकों को विनियमित करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
***दण्ड प्रक्रिया संहिता (उ0प्र0 द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2011 को वापस लिए जाने का प्रस्ताव मंजूर***
मंत्रिपरिषद ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2011 को वापस लिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। राज्य में प्रभावशाली ढंग से महिलाओं की संरक्षा करने के उद्देश्य से दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-235, 437 एवं 439 तथा मूल अधिनियम की प्रथम अनुसूची में भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा-354 के प्राविधानों में संशोधन हेतु दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2011 को राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भारत सरकार को भेजा गया था।
भारत सरकार द्वारा अवगत कराया गया है कि क्रिमिनल लाॅ (अमेन्डमेन्ट) एक्ट, 2013 एवं जुएनाइल जस्टिस (केयर एण्ड प्रोटेक्शन) आॅफ चिल्डेªन एक्ट, 2015 में इस सम्बन्ध में समुचित प्राविधान कर दिए गए हैं, जिस कारण अब राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं रह गई है। भारत सरकार के अनुरोध पर विधेयक को वापस लिए जाने का निर्णय लिया गया।
***डायल-100 परियोजना के अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को प्रोत्साहन के रूप में मानदेय प्रदान करने तथा वाहन चालक के रूप में तैनात होने वाले होमगाड्र्स को ड्यूटी भत्ता/मानदेय के भुगतान का फैसला***
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश स्तरीय पुलिस इमरजेन्सी प्रबन्धन प्रणाली (पी0ई0एम0एस0) डायल-100 परियोजना में तैनात किए जाने वाले अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को प्रोत्साहन के रूप में मानदेय प्रदान किए जाने तथा वाहन चालक के रूप में तैनात किए जाने वाले होमगाड्र्स को ड्यूटी भत्ता/मानदेय के भुगतान सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
डायल-100 परियोजना के अन्तर्गत तैनात किए जाने वाले अराजपत्रित पुलिस कर्मियों-निरीक्षक/उप निरीक्षक को 2500 रुपए प्रतिमाह तथा मुख्य आरक्षी/आरक्षी को 2000 रुपए प्रतिमाह का मानदेय दिया जाएगा। इस परियोजना में वाहन चालक के रूप में तैनात किए जाने वाले होमगाड्र्स को परियोजना में उनकी नियोजन की अवधि तक के लिए गृह विभाग के विभागीय बजट से ड्यूटी भत्ते के रूप में 300 रुपए तथा दैनिक मानदेय के रूप में 150 रुपए दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
***सामयिक संग्रह अनुसेवकों के विनियमितीकरण सम्बन्धी शासनादेशों को शिथिल किए जाने तथा सामयिक संग्रह अनुसेवक के नियमितीकरण/नियमित नियुक्ति का कोटा केवल एक बार के उपाय के लिए 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी***
मंत्रिपरिषद ने राजस्व विभाग के सामयिक संग्रह अनुसेवकों के विनियमितीकरण हेतु वित्त विभाग के शासनादेश दिनांक 08 सितम्बर, 2010 एवं कार्मिक विभाग के शासनादेश दिनांक 15 मार्च, 2012 को शिथिल किए जाने तथा सामयिक संग्रह अनुसेवक के विनियमितीकरण/नियमित नियुक्ति का कोटा केवल एक बार के उपाय के लिए 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके लिए उत्तर प्रदेश संग्रह अनुसेवक सेवा नियमावली, 2004 में नियम-5, 9, 18 व 21 में संशोधन हेतु उत्तर प्रदेश संग्रह अनुसेवक सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2016 को भी मंजूरी प्रदान कर दी है।
***पेराई सत्र 2014-15 के विलम्बित गन्ना मूल्य भुगतान के आधार पर चीनी मिलों पर अधिरोपित ब्याज को माफ करने का निर्णय***
मंत्रिपरिषद ने पेराई सत्र 2014-15 के विलम्बित गन्ना मूल्य भुगतान के आधार पर चीनी मिलों पर अधिरोपित ब्याज को, उ0प्र0 गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम, 1953 की धारा-17(3) के प्राविधानों के अन्तर्गत, माफ (waive off) करने का निर्णय लिया है।
ज्ञातव्य है कि पेराई सत्र 2014-15 के विलम्बित गन्ना मूल्य भुगतान के कारण चीनी मिलों पर लगाए गए ब्याज के भुगतान की माफी हेतु उ0प्र0 शुगर मिल्स एसोसिएशन द्वारा अपने प्रत्यावेदन दिनांक 06 अप्रैल, 2015 द्वारा अनुरोध किया गया था। इसी क्रम में गन्ना आयुक्त के स्तर से संयुक्त गन्ना आयुक्त (प्रशासन) की अध्यक्षता में गठित की गई समिति के द्वारा सभी सम्बद्ध पक्षों जैसे-चीनी मिल प्रतिनिधियों व सचिव, उ0प्र0 चीनी मिल्स एसोसिएशन तथा सहकारी गन्ना विकास समितियों का पक्ष सुनने एवं विधिक प्राविधानों के सन्दर्भ में, पेराई सत्र 2014-15 के गन्ना मूल्य के विलम्ब से भुगतान करने के कारण चीनी मिल पर अधिरोपित किए गए ब्याज को अधित्याग/माफ (waive off) किए जाने की संस्तुति की गई है।
चीनी मिलों पर अधिरोपित किए गए ब्याज को माफ किए जाने का निर्णय चीनी मिलों के निरन्तर संचालन एवं गन्ना किसानों के दीर्घकालीन हितों के दृष्टिगत लिया गया है।
***मा0 उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के निर्माणाधीन पास आॅफिस के निकट राजकीय मुद्रणालय, की अतिरिक्त भूमि मा0 उच्च न्यायालय को हस्तान्तरित करने का निर्णय***
मंत्रिपरिषद ने मा0 उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के निर्माणाधीन अस्थायी गेट पास आॅफिस के निकट स्थित राजकीय मुद्रणालय, इलाहाबाद की 3424 वर्ग फुट अतिरिक्त भूमि मा0 उच्च न्यायालय, इलाहाबाद को हस्तान्तरित किए जाने का निर्णय लिया है।
***जनपद देवरिया की नगर पंचायत गौरी बाजार के सीमा विस्तार की मंजूरी***
मंत्रिपरिषद ने जनपद देवरिया की नगर पंचायत गौरी बाजार के सीमा विस्तार को अनुमति प्रदान कर दी है। इसके लिए अधिसूचना की अन्तर्वस्तु में सुसंगत संशोधन/परिवर्तन हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
***‘उ0प्र0 वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण नियमावली-2016’ के प्रख्यापन की अनुमति***
मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षरण अधिनियम-2016’ के प्रवर्तन हेतु इस अधिनियम की धारा-17 के अधीन वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ताओं के हितों को सुरक्षित करने की दृष्टि से ‘उत्तर प्रदेश वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण नियमावली-2016’ के प्रख्यापन की अनुमति प्रदान कर दी है।
***‘उ0प्र0 अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम-2016’ के प्रवर्तन हेतु आवश्यक प्रशासनिक ढांचे, स्टाफ तथा क्षेत्रीय कार्यालयों की व्यवस्था का निर्णय***
मंत्रिपरिषद ने संस्थागत वित्त विभाग उत्तर प्रदेश के अन्तर्गत ‘उ0प्र0 अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम-2016’ के प्रवर्तन हेतु आवश्यक प्रशासनिक ढांचे, प्रवर्तन से सम्बन्धित स्टाफ, अभियोजन से संबंधित स्टाफ तथा माॅनीटरिंग के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों की व्यवस्था की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके लिए जिला न्यायालय गौतमबुद्धनगर, इलाहाबाद तथा लखनऊ में मा0 मुख्य न्यायाधीश की सहमति से विशेष न्यायालयों को नामित कराया जाएगा। इसके साथ ही, नोएडा तथा लखनऊ में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए जाएंगे। विशेष न्यायालय गौतमबुद्धनगर से सहारनपुर, मुरादाबाद, मेरठ, आगरा, अलीगढ़, झांसी एवं बरेली मण्डल, इलाहाबाद न्यायालय से इलाहाबाद, वाराणसी, विन्ध्याचल, चित्रकूट एवं कानपुर, तथा न्यायालय लखनऊ से लखनऊ, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़ एवं फैजाबाद मण्डल सम्बद्ध रहेंगे।