चेन्नई, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने समाज सुधारक पेरियार के नाम पर निर्मित पेरियार समतुवपुरम (समानता आवास) का उद्घाटन किया और कहा कि पूरे देश को एक समतुवपुरम बनना चाहिए ताकि जाति और धर्म के कारण उत्पन्न सभी बाधाओं को खत्म किया जा सके।
श्री स्टालिन ने कोझुवारी में पेरियार समतुवपुरम का उद्घाटन करने और विल्लुपुरम जिले के वनूर के पास ओझंथियापट्टू में नई कल्याणकारी परियोजनाओं की शुरुआत करने के बाद जनता को संबोधित करते हुए कहा कि समतुवपुरम की अवधारणा की कल्पना द्रमुक के दिवंगत नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने 1997 में की थी।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु का समतुवपुरम मॉडल पूरे देश के लिए एक उदाहरण होगा।
तमिलनाडु सरकार सभी के लिए समान विकास और समान अवसर मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
देश को समतुवपुरम में तब्दील करने की जरूरत पर जोर डालते हुए स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु और उसका द्रविड़ मॉडल दिखाएगा कि इसे किस तरह से हासिल किया जा सकता है।
तमिलनाडु के समतुवपुरम मॉडल को देश भर के लिए अनुकरणीय बनाने के वास्ते सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की योजना पूरे राज्य में 298 समतुवपुरम स्थापित करने की है और इसके लिए फंड भी आवंटित कर दिया गया है। अन्नाद्रमुक के शासन ने न केवल इस योजना को छोड़ दिया, बल्कि मौजूदा योजनाओं को बनाए रखने में भी विफल रही।
श्री स्टालिन ने कहा, “कलैग्नार का पुत्र होने के नाते मैंने इस जिले में समतुवपुरम का उद्घाटन किया है।” उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक शासन के पिछले 10 वर्षों के दौरान तमिलनाडु अंधकार के दौर में रहा।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने 24 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया और 10,722 लाभार्थियों को 42.70 करोड़ रुपये की कल्याण सहायता वितरित की।