भोपाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में ‘योग’ रामबाण है। प्रदेश के हर विद्यालय में योग का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
श्रीचौहान आज भारतीय योग परिषद के मध्यप्रदेश चैप्टर द्वारा ‘याेग फॉर इम्यूनिटी’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय वेबिनार का शुभारंभ करते हुए कहा कि कोरोना संकट काल में आज पूरे विश्व को इसकी आवश्यकता है। हमें योग का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर पीड़ित मानवता को इस भीषण संकट से बचाना है। मध्यप्रदेश में कोरोना पूरी तरह नियंत्रण में है। दोबारा कोरोना की लहर न आए, इसके लिए हमें योग और आयुर्वेद को अपनाना होगा।
उन्होंने कहा है कि नई शिक्षा नीति में योग शिक्षा को अनिवार्य किया गया है। मध्यप्रदेश के हर विद्यालय में योग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। योग को हमारी दिनचर्या का नियमित हिस्सा बनाने की जरूरत है। मैं स्वयं प्रतिदिन प्रात 05 तरह के प्राणायाम करता हूँ। इसी का परिणाम है कि मैं कोरोना ग्रस्त होने के बाद भी निरंतर कार्य करता रहा। मुझे कोरोना का कोई दुष्परिणाम नहीं झेलना पड़ा।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी तथा हरियाणा योग परिषद के अध्यक्ष डॉ. जयदीप आर्य ने की। वेबिनार में योग विशेषज्ञ प्रो. अरुण दिवाकर वाजपेई, डॉ. ईश्वर वी. बासवरदी, प्रो. ईश्वर भारद्वाज, डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी आदि उपस्थित थे। माँ सरस्वती वंदना उपरांत वेबिनार का विधिवत शुभारंभ श्री चौहान द्वारा गायत्री मंत्र ‘ऊँ भूर्भव:’ मंत्र के साथ किया गया। वेबिनार का संचालन परिषद के मध्यप्रदेश चैप्टर की अध्यक्ष डॉ. पुष्पांजली शर्मा ने किया।
श्री चौहान ने कहा है कि महर्षि पतंजलि ने समूचे विश्व को ‘योग’ जैसी अनुपम निधि दी है जो हमारी अमूल्य धरोहर है। योग के मार्ग पर चलकर व्यक्ति मानसिक प्रसन्नता और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राप्त करता है। महर्षि पतंजलि ने बताया था ‘योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:’ अर्थात चित्त की वृत्तियों को भली-भांति शांत करना योग है। उनके बताए अष्टांग योग यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि को अपनाकर पूरा विश्व सुखी और नीरोगी हो सकता है।
इस मौके पर श्री चौहान ने बताया कि पहले मैं स्वयं बच्चों को योग सिखाया करता था। अब समय मिलने पर पुन: बच्चों को योग सिखाऊंगा। योग में मेरी गहरी रूचि है। उन्होंने कहा कि वेबिनार में आए योग विशेषज्ञों द्वारा विचार मंथन के उपरांत जो निष्कर्ष निकलेंगे उन्हें मध्यप्रदेश में अपनाकर योग का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।