Breaking News

मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सहारनपुर में उद्यमियों को प्लाईवुड क्षेत्र में निवेश का किया आह्वान

सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सहारनपुर को निवेश के लिए सबसे उपयुक्त स्थान बताते हुए उद्यमियों से आगे आकर निवेश करने की अपील की। मनोज सिंह ने आज यहां आईआइटी रूडकी के कैंपस सभागार में प्लाईवुड मैन्युफैक्चर्रस वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वाधान में उद्यमी, किसान और निर्यातक संवाद एवं समाधान की मंडलीय वर्कशाॅप में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।

मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के आठ साल के प्रगति के आंकडों के साथ कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे तेजी के साथ विकास करने वाला राज्य बन गया है। यह राज्य लोगों के लिए पूरी तरह से अनुकूल और उद्यमियों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है, इसी कारण देश और दुनिया के बडे उद्यमी उन्मुक्त होकर यहां निवेश को बडी संख्या में आगे आ रहे है।

उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हरियाणा, उत्तराखंड की राज्यों की सीमाओं से सटे सहारनपुर जनपद कोे निवेश के लिए बहुत उपयुक्त स्थान बताते हुए उद्यमियों से यहां भारी निवेश करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार सहारनपुर को प्लाईवुड हब के रूप में विकसित करने में हर संभव सहायता करेगी। उन्होंने उद्यमियों से इसके लिए लाइसेंस लेने को आगे आने का आग्रह किया।

सहारनपुर के जिलाधिकारी मनीष बंसल और कमिश्नर अटल कुमार राय ने भी कहा कि बुनियादी सुविधाओं के मामले में सहारनपुर प्रमुख स्थान है। यहां का किसान प्रगतिशील और उद्यमी एवं कारोबारी आर्थिक और कौशल दोनों स्तर पर सक्षम और जुनूनी है। प्रशासन सहारनपुर मंडल में लकडी पर आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने में पूरा योगदान करने को तत्पर है।

उद्यमी और व्यापारी सुदृढ कानून व्यवस्था से खुद को और अपने कारोबार दोनो को लेकर सुरक्षा का भाव रखते है। योगी सरकार से पहले यहां के कारोबारी और उद्यमी पलायन को मजबूर थे। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में सहारनपुर जिले के काष्ठ कला और हौजरी व्यवसाय को एक जिला दो उत्पाद के रूप में अपनी स्वीकृति देने का काम किया है।

मनोज सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्रित्व काल के आठ वर्षों में लोगों की व्यक्तिगत आय दोगुनी हो गई है। 2017 में प्रति व्यक्ति, प्रति वर्ष आय छह सौ डालर यानि 51 हजार रूपए थी जो अब बढकर 13 सौ डालर यानि सवा लाख रूपए के करीब हो गई है। इसी तरह 2017 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था 17 लाख करोड थी जो अब 28 लाख करोड हो गई है। उन्होंने कहा कि औद्यौगिकरण के मामले में उत्तर प्रदेश का मुकाबला हरियाणा से नहीं महाराष्ट्र, तमिलनाडू और गुजरात से है। जहां जमीन सस्ती है। यूपी में उद्योगों के लिए भूमि कम और महंगी है। वजह उत्तर प्रदेश दुनिया की अकेली जगह है जहां 75 फीसद भूमि पर खेती होती है और 86 फीसद भूमि पर सिंचाई की सुविधा है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने 25 से अधिक सेक्टर में उद्योगों को प्रोत्साहन करने के लिए नीति बनाई है और उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए एफडीआई और पूंजीनिवेश की नीति बनाई है। जिसके तहत उद्यमियों को भूमि के लिए 75 फीसद सब्सिडी का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में तेजी के साथ गरीबों को गरीबी की रेखा से ऊपर उठाया जा रहा है।

मुख्य सचिव मनोज सिंह ने घोषणा की कि राज्य सरकार सहारनपुर में तकनीक विकास में प्रोत्साहन के लिए शोध एवं विकास के तहत सेंटर फाॅर एक्सीलेंस की स्थापना के लिए 10 करोड रूपए देने का आश्वासन दिया। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पोपुलर किसानों के हरियाणा के यमुनानगर में अपनी लकडी बेचे जाने का बचाव करते हुए कहा कि किसानों को अपनी पैदावार का जहां भी लाभकारी मूल्य मिलेगा वह उसे वहीं बेचे जाने के लिए स्वतंत्र है। यमुना नगर में और सहारनपुर में पापुलर की लकडी के दामों में 300 से 400 रूपए का फर्क है। यदि सहारनपुर में प्लाईवुड इंडस्ट्री विकसित होती है और किसानों को उनके उत्पाद का यहां उचित मूल्य मिलता है तो वह दूसरे स्थानों पर जाकर क्यों बेचेगा।

उन्होंने कहा कि सहारनपुर में प्लाईवुड फैक्ट्रियों की स्थापना के लिए सरकार पूरा सहयोग देने का काम करेगी। मुख्य सचिव ने पडोसी जिलों से आए उद्यमियों की समस्यांए सुनकर उनके निराकरण का भरोसा दिया। अध्यक्षता प्लाईवुड मैनुफैक्चर्रस वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने की।

आईआईए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामजी सुनेजा, प्रमोद मिगलानी, संजीव अरोडा, चैप्टर चेयरमैन अनूप खन्ना, सचिव ऋषभ अग्रवाल, शामली के उद्यमी अनुज गर्ग, मुजफ्फरनगर के उद्यमी नीरज खेडिया, बिजनौर के उद्यमी विकास अग्रवाल, एफआरआई के वैज्ञानिक डा. अशोक अग्रवाल, निवेश प्रोत्साहन के सहायक महाप्रबंधक समीर महंदी, आईआइटी रूडकी के निदेशक डा. कमलकांत पंत, विमल चैपडा, नरेश तिवारी, काष्ठ आधारित राज्य स्तरीय समिति के सदस्य सचिव पूर्व भारतीय वन अधिकारी ललित वर्मा, कमिश्नर अटल कुमार राय और जिलाधिकारी मनीष बंसल ने कार्यशाला में उपयोगी सुझाव रखे। सहारनपुर में ऐसा उच्चस्तरीय कार्यक्रम पहली बार आयोजित हुआ जिसके दूरगामी और सकारात्मक नतीजें मिलने को लेकर सभी वर्गों के लोग आशान्वित है।