हमीरपुर/ नई दिल्ली, सियासत की भाषा को समझना आसान नहीं होता है। सियासत के ककहरे को समझने वाले वाले जानकार भी कभी-कभी हैरत में पड़ जाते हैं कि जो कुछ वो समझ रहे हैं वो किस हद तक सही या गलत है।
देश के सबसे बड़े सूबे में हिंदुस्तान की सबसे पुरानी सियासी पार्टी कांग्रेस अपनी खोयी हुई जमीन की तलाश में है। पार्टी में उत्साह का संचार करने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के एक कोने से दूसरे कोने की किसान यात्रा कर रहे हैं।
हमीरपुर में जब उनसे ये पूछा गया कि क्या प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में चुनावी अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएंगी, तो उनका जवाब था कि वो अपनी बहन पर किसी और से ज्यादा भरोसा करते हैं। जहां तक उनके सक्रिय राजनीति में आने की बात है उसका फैसला वो खुद करेंगी कि कब, कैसे, कहां और किस रूप में वो पार्टी को अपना योगदान देंगी।
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वो किसानों की परेशानियों को लेकर संवेदनहीन हैं। वो झूठ बोलने की मशीन हैं। उन्हें झूठे वादे और दावों के साथ-साथ सेल्फी लेने से फुर्सत नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि मुद्दाविहीन भाजपा और आरएसएस यूपी के चुनाव को सांप्रदायिक रंग देने में जुटी हुई है। भाजपा से जुड़े हुए लोगों को हिंसा और नफरत के अलावा कुछ आता भी नहीं है। एक खास चश्मे से वो सभी लोगों की तौलने की कोशिश करते हैं।
बसपा के साथ किसी तरह के समझौते से इनकार करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आज के दिन कांग्रेस पूरी बहुमत के साथ यूपी में सत्ता में काबिज होने जा रही है। उन्होंने कहा कि बसपा अब यूपी में बिकाऊ माल नहीं है। प्रदेश की जनता बसपा में उठापठक को देख रही है। यही नहीं कुर्सी के लिए बसपा नेता बार बार अपने सिद्धांतों से समझौता करते रहे हैं। उनके क्रियाकलापों को आम लोग देख रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने प्रदेश की जनता को जो सपने दिखाए थे, उसे पूरा करने में वो नाकाम रहे हैं। ये समझ में नहीं आता है कि प्रदेश की सरकार को कौन चला रहा है। कुछ लोग कहते हैं कि सत्ता एक हाथ में केंद्रित है तो कुछ लोग मानते हैं कि यूपी को एक से ज्यादा लोग चला रहे हैं। यूपी जितने बड़े राज्य को चलाने के लिए नीतियों के साथ दूरदृष्टि की जरूरत है जो वर्तमान सरकार में नदारद है।