लखनऊ, उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी में आया संकट पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पहल से टल गया। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने 20 घंटे में ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और महासचिव प्रो़ राम गोपाल यादव का निष्कासन रद्द कर दिया। दोनो का निष्कासन वापस लिये जाने के तत्काल बाद अखिलेश यादव खेमे द्वारा कल आयोजित राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन को भी निरस्त करने का निर्णय ले लिया गया।
पिता-पुत्र के बीच सुलह समझौता कराने में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया के समधी लालू प्रसाद यादव के अलावा पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां की महती भूमिका रही। अखिलेश और रामगोपाल के निष्कासन के बाद कल रात तक निश्चित विभाजन की ओर बढ रही सपा में आये तूफान को भांपते हुये लालू प्रसाद यादव ने फोन पर कई मर्तबा अखिलेश से संपर्क कर समझाने की कोशिश की।
उधर आजम खां भी रामपुर से लखनऊ की ओर निकल पडे। दोनो नेताओं ने अलग अलग पिता पुत्र को साथ लाने के सार्थक प्रयास किये।
पार्टी के संकटमोचक बनकर उभरे श्री खां ने सुबह करीब 10 बजे मुलायम सिंह यादव के घर जाकर उनसे एक घंटे बात की। इस बीच अखिलेश यादव के आह्वान पर विधायकों का जमावडा यहां लगना शुरू हो गया था। इसके बाद आजम खां मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। वह मुख्यमंत्री को लेकर मुलायम सिंह यादव के घर गये।अखिलेश ने मुलायम के पांव छूकर आर्शीवाद लिया। सपा मुखिया ने इस दौरान अपने अनुज और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल को भी बुला लिया। मुम्बई से अबू आशिम आजमी भी पहुंच गये ।चारों में करीब डेढ घंटे हुई मंत्रणा के बाद पार्टी में आया संकट टल गया। बैठक में ही अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव का निष्कासन रद्द करने का निर्णय लिया गया।
चारों नेताओं के बीच गुफ्तगू का सार्थक नतीजा आने की आस में श्री यादव के घर के बाहर सैकडों की तादाद कार्यकर्ता हाथ जोड कर ईश्वर से पार्टी की सलामती की दुआ मांग रहे थे। करीब आधे घंटे बाद अंदर से खबर आयी कि अब सब कुछ ठीकठाक है। अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन वापस ले लिया गया है। यह खबर सुनते ही हर्ष और रोमांच से भरी कार्यकर्ताओं की भीड मुलायम सिंह जिंदाबाद, अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगाने लगी।