मुलायम सिंह के खिलाफ कार सेवकों पर गोली चलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा..जानिये पूरा हाल ?
November 8, 2017
नई दिल्ली,1990 में कार सेवकों पर गोली चलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। अयोध्या में 1990 मे कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश देने पर मुलायम सिंह यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। उत्तरप्रदेश के लखनऊ के राणा संग्राम सिंह ने याचिका दायर की है।
मुलायम सिंह यादव 1990 मे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। याचिका में मुलायम सिंह यादव के 2014 में मैनपुरी और गोंडा की जनसभाओं में दिए गए बयान को आधार बनाया गया है। राणा ने बयान को आधार बनाकर थाने में शिकायत की लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।
उसके बाद उसने निचली अदालत में कंपलैन केस दायर की। लेकिन निचली अदालत ने कंपलैन केस खारिज कर दी। जिसके बाद उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था लेकिन वहां भी याचिका खारिज हो गई। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राणा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि 2014 मे जनसभा में मुलायम सिंह ने स्वीकार किया है कि उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था। वक़ील विष्णु जैन के मुताबिक याचिका में यह भी सवाल उठाया गया है कि क्या मुख्यमंत्री भीड़ पर गोली चलाने का आदेश दे सकते हैं? अगर हां तो किस कानूनी प्रावधान के तहत? क्या पुलिस को भीड़ पर गोली चलाने का अधिकार है?
दरअसल 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए हजारों कार सेवक वहां जमा हुए थे. जिसके बाद पुलिस ने भीड़ पर गोलियां चलाई गईं, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी।