लखनऊ, यूपी की राजनीति मे यह लाख टके का प्रश्न है कि आखिर मुलायम सिंह को गुस्सा क्यों आता है ?आखिर वह कौन सी वजह है जिसकी वजह से मुलायम सिंह यादव के बोल अपनी ही सरकार के खिलाफ तीखे हो गये हैं। यह सवाल उठने लगा है कि आखिर ऐसा बार-बार क्यों हो रहा है। मुलायम सिंह ने अपनी ही पार्टी की सरकार पर छठवीं-सातवीं बार हमला बोला है।
जानकार कहते हैं कि यह मुलायम सिंह यादव का चरखा दांव है। जिस तरह कुश्ती मे मुलायम सिंह यादव चरखा दांव लगाकर बड़े -बड़े पहलवानों को चित्त कर दिया करते थे, ठीक उसी प्रकार राजनीति मे भी वह चरखा दांव लगाकर विपक्ष के लिये सरकार पर हमले का कोई मौका नही छोड़ना चाहतें हैं। इसके लिये वह खुद ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर विपक्ष को मौका नहीं देना चाहते हैं।
इधर भाजपा ने अवैध शराब व जमीन कब्जे को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। उधर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के अनुज शिवपाल सिंह यादव ने अवैध शराब का कारोबार और सपाइयों द्वारा जमीन कब्जा न रुकने पर इस्तीफे की धमकी दी है। मुलायम और शिवपाल दांव-पेंच के तहत भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के हमले को कमजोर करना चाहते हैं।
यह बात विचारणीय है कि दागी लोगों को मुलायम खुद क्यों संरक्षण देते हैं? और अगर कार्यकर्ताओं का कार्य-व्यवहार ठीक नहीं है तो उनके नाम सार्वजनिक कर उन्हें हटाते क्यों नहीं हैं? मुलायम सिंह के इस तरह के गुस्से भरे बयानों पर अब सवाल भी उठने लगे हैं।