लखनऊ, उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में हुए परोक्ष तख्तापलट के बाद अब उसके आधिकारिक चुनाव चिहन ‘साइकिल’ को लेकर शुरू हुई लड़ाई चुनाव आयोग की अदालत में पहुंच गयी है। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और उनके भ्राता शिवपाल सिंह यादव, वहीं दूसरी ओर अखिलेश की ओर से सपा के ‘बख्रास्त’ महासचिव रामगोपाल यादव चुनाव आयोग के सामने अपने-अपने दावे पेश करने के लिये दिल्ली रवाना हो गये हैं। आयोग दोनों के दावों को परखेगा। अब सारा दारोमदार उसी पर है।
सपा के विवादित राष्ट्रीय अधिवेशन में परोक्ष तख्तापलट के बाद शुरू हुए शह-मात के नये खेल के बीच मुलायम ने कहा, ‘‘कोई भी व्यक्ति मुझ पर आरोप नहीं लगा सकता कि मैंने गलत किया है। मैंने ना तो कोई भ्रष्टाचार किया है और ना ही किसी को धोखा दिया है। साइकिल चुनाव निशान हमारा है। दूसरी ओर अखिलेश खेमे द्वारा कल आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये गये शिवपाल ने कहा कि मुलायम अब भी राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और आगे भी रहेंगे। मैं मरते दम तक नेताजी मुलायम सिहं यादव के साथ रहूंगा।