पिता से भी चार कदम आगे निकला पुत्र
मुलायम से भी ज्यादा अखिलेश पर भरोसा करने लगे मुसलमान
अकलियत के बीच ” मैट्रो भाईजान ” भी कहे जाते है अखिलेश
नौजवानो की आँखो के तारे बने युवा मुख्यमंत्री
प्रदेश के मुस्लिम बाहुल्य इलाको मे हुए सर्वे से मिले रुझान
अल्पसंख्यक समुदाय के सबसे ज्यादा चहीते मुलायम सिह यादव को पछाड़ कर अखिलेश यादव अकलियत की भी पहली पसंद बन गये है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सबसे लोकप्रिय नेता बताते हए अल्पसंख्यकों ने इन्हे अपना सबसे बड़ा भरोसा बताया है।
मुस्लिम इलाको मे अखिलेश यादव को मैट्रो भाईजान के नाम से जाना जाता है। खासकर मुसलमानो की युवा पीढ़ी की वो आशा की किरण बन गये है। धर्म-जाति से ऊपर उठकर वो विकास को सर्वोपरि मानते है इसलिये ही मुसलमानों की युवा पीढ़ी ने उन्हें अपनी उम्मीद की रौशनी माना है।
अपने पिता की विरासत को बखूबी आगे बढ़ाते हुए अखिलेश मुसलमानो के खैरख्वाह तो है ही इस समुदाय की तालीम, रोजगार और हिफाजत के लिये वो सबसे ज्यादा फिक्रमंद है।
मुस्लिम नौजवानो को ये युवा मुख्यमंत्री इसलिये भी भाते है क्योकि उन्होने दो धर्म-समुदायो के बीच खाई खोदने की राजनीतिक चालो को विकास के हथियार से शिकस्त दी है।
ये तथ्य एक सर्वे मे सामने आये है। उर्दू दैनिक ” दलील ” ने उत्तर प्रदेश के कई जिलो के मुस्लिम बाहुल्य इलाको मे प्रतीकात्मक सर्वे से इस बात की पड़ताल करनी चाही थी कि मुस्लिम समुदाय का सबसे पसंददीदा नेता कौन है?
लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव, कानपुर, फैजाबाद, रायबरेली, बनारस, फर्रुखाबाद, जौनपुर, आजमगढ़, अमरोहा, फतेहपुर, रामपुर, इटावा, कन्नौज, गोन्डा, बरेली, गाजियाबाद, अम्बेडकर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, संडीला, बागपत के मुस्लिम बाहुल्य इलाको के लोगो से बातचीत के आधार पर ये अनुमान लगाया जा सकता है कि अखिलेश यादव सर्व समाज की भाँति मुसलमानो के भी आँखो के तारे बने हुए है। । साथ ही ये बात भी साबित होती है कि सपा मुखिया मुलायम सिह यादव ने मुस्लिम समुदाय मे अपना जो भरोसा कायम किया था उस विरासत को संभालने मे अखिलेश खरे उतरे हैं।
सर्वे मे इतना फर्ख जरुर नजर आया कि मुस्लिम समुदाय के बुजुर्गों के बीच मुलायम सिंह ही नम्बर वन पर है जबकि अकलियत की नई पीढ़ी की पहली पसंद अखिलेश यादव है।
फैजाबाद के गोल दरवाजे पर बुजुर्ग कमरुद्दीन की परचून की दुकान है। लोकप्रिय नेता के सवाल पर दो कस्टमर लौटा देते है। दो स्टूल दुकान से बाहर निकलते है। आधा शटर गिराकर खुद दुकान से बाहर निकल आते है। और फिर शुरु हो जाते है ……… जारी….
– ‘ दलील ‘ की टीम के साथ – शीलचन्द्र