लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विधान सभा में एक बार फिर बसपा प्रमुख मायावती से बुआ न कहने पर सवाल किया।मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिस समय सदन में आए उस समय बांदा मेडिकल कालेज के मसले पर बसपा के कार्यस्थगन प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी और नेता सदन अहमद हसन के बीच नोक झोंक चल रही थी। सिद्दीकी हमेशा सदन में हसन को चचा कहते हुए तंज कसते हैं और हसन भी पलटवार करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर अखबारों में चाचा-भतीजे की चर्चा के बारे में पढ़ता हूं। मैं कहना चाहता हूं कि ये चाचा-भतीजे वाली बातें तो हर जगह होती रहती हैं।
मुख्यमंत्री ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी से कहा कि आपकी नेता ने कहा है मुझे बुआ मत कहो, अब मैं बुआ नहीं कहूंगा, लेकिन मुझे बता दें कि हम उन्हें क्या कहें।अखिलेश यादव ने कहा कि यह बात अलग है कि जब उन्हें पिछले दिनों बीजेपी के कारण परेशानी आई तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मुझे बुआ मानते हैं तो उसके (दयाशंकर) खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते। मैं उन्हें बुआ मानता था, इसलिए मुझे भाजपा के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी। बाद में भीड़ बुलाकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मुझे बुआ न कहें। अब नेता विरोधी दल हमें बता दें कि उन्हें हम क्या कहें। आप बताइए मैं क्या कहूं? आप जो कह देंगे वहीं कहूंगा। हमने तो उनके कहने पर भाजपा नेता को जेल भिजवा दिया।
जब हमने लैपटाप बांटे तो आपके एक नेता (स्वामी प्रसाद मौर्य) कहते थे कि झुनझुना बांट रहे हैं। अब आप लोगों को छोड़कर कहीं और चले गए हैं। फिर उन्होंने सिद्दीकी से पूछा आप भी तो कहीं नहीं जा रहे हैं। सिद्दीकी को जवाब देने का मौका नहीं मिला क्योंकि सभापति ने मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद धन्यवाद ज्ञापन शुरू कर दिया।