नई दिल्ली/लखनऊ, उत्तर प्रदेश में बीजेपी के पूर्व प्रान्तीय उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की ओर से बसपा मुखिया मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी किए जाने के विरोध में बड़ी संख्या में बसपा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के हजरतगंज में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बेहद तल्ख और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल भी किया गया।बीएसपी के इस विरोध-प्रदर्शन पर मायावती ने खुद को देवी जैसा बताया और कहा कि मेरा अपमान होने के बाद लोगों में आक्रोश है।
मायावती ने कहा कि मैं दलित समाज के लिए देवी जैसी हूं। लोग मुझे बहन के साथ साथ देवी भी मानते हैं। लोग न बहन की तरह उनका सम्मान करते हैं। बीजेपी नेता ने ऐसा बयान देकर शर्मनाक काम किया है। कमजोर तबका मुझे बहन के साथ देवी मानता है। इसलिए मेरे इस अपमान के बाद इनमें गुस्सा है। इस तरह की अभद्र टिप्पणी से मेरा अपमान हुआ, इसलिए लोगों को गुस्सा आया। मायावती ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में यह भी कहा कि दयाशंकर सिंह को पार्टी से हटाना एक सामान्य प्रकिया है। यदि वह (बीजेपी) उसके (दयाशंकर सिंह) खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाते तो ज्यादा बेहतर होता। यदि बीजेपी नेता खुद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाते तो वे मेरा दिल जीत लेते। मायावती ने यह भी कहा कि दलित भाजपा को कभी माफ नहीं करेंगे। दयाशंकर सिंह के खिलाफ सिर्फ कार्रवाई काफी नहीं है। उन्हें पार्टी से बाहर करना तो बस एक बहाना है। मायावती ने पत्रकारों से यह भी कहा कि प्रशासन ने आज बसपा कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया है कि उन्हें 36 घंटों का समय दिया जाए, इस बीच दयाशंकर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस आश्वासन के बाद बसपा कार्यकर्ता और धरना-प्रदर्शन करने वाले लोग वहां से हटे हैं। अब दयाशंकर गिरफ्तार होते हैं या नहीं, इसको लेकर आगे हमारे लोगों की क्या रणनीति होगी, अब ये वही जानें।