नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर रेनकोट वाली टिप्पणी पर गुरुवार को कांग्रेस ने दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे पर माफी की मांग की है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम के रेनकोट बयान पर कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ ऐसी भाषा का प्रयोग किया, उनके बयान की निंदा करता हूं। उधर राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि यह खेद का विषय है कि पीएम मोदी ने कुछ किताबों का हवाला देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपमानित किया और किताब को सदन के सामने रखा भी नहीं। कांग्रेस के नेता अहमद पटेल ने कहा कि लाइक माइंडेड पार्टियों के साथ बैठक करके वे सरकार को सदन में घेरने की रणनीति बनाएंगे। इसी सिलसिले में सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद स्थित पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के दफ्तर पर विपक्षी नेताओं की बैठक भी हुई।
इसके बाद, गुरुवार को लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने यह मामला राज्यसभा में उठाया। उन्होंने इस टिप्पणी को मनमोहन के लिए अपमानजनक बताया और इस पर चर्चा का मांग की। दूसरी ओर, सरकार की ओर से वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री को जवाब देने का हक है। विपक्ष के हंगामें के चलते लोकसभा की कार्यवाही 11ः30 बजे तक और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में यूपीए सरकार में हुए भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि बाथरूम में रेनकोट पहन कर नहाने की कला सिर्फ डॉक्टर साहब (मनमोहन सिंह) जानते हैं। मोदी ने कहा था, डॉ.मनमोहन का करीब 30-35 साल से भारत के आर्थिक निर्णयों के साथ सीधा संबंध रहा है। इतने घोटाले सामने आए लेकिन मनमोहन सिंह पर दाग नहीं लगा। मोदी ने नोटबंदी पर कहा, श्रीमती इंद्राज के समय में कमिटी ने नोटबंदी के बारे में बताया था। प्रधानमंत्री के इसी बयान के बाद राज्यसभा में कुछ देर तक हंगामा हुआ। जिसके बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद सदन से वॉकआउट कर दिया था। दूसरी ओर एआईएडीएमके प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर राहुल गांधी पर उनके पीएम को लेकर दिए गए बयान पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने रेनकोट वाली टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा था कि मोदी ने मनमोहन का अपमान किया। इस पर ओवैसी ने कहा, मनमोहन सिंह की अगुआई वाली भारत सरकार द्वारा जारी ऑर्डिनेंस को फाड़ने से क्या तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन की प्रतिष्ठा को ठेस नहीं पहुंची थी?