लखनऊ, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कॉन्वोकेशन में मोदी गो बैक का नारा लगाने वाले तीन दलित छात्रों को यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने निकाल दिया। छात्रों ने पुलिस द्वारा उन्हे पीटे जाने का भी आरोप लगाया।
शुक्रवार को प्रधानमंत्री की स्पीच के दौरान छात्रों के एक ग्रुप ने हैदराबाद में दलित स्कॉलर रोहित वेमुला सुसाइड केस को लेकर हंगामा किया था। घटना के बाद सभी को हिरासत में लिया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। देर रात यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने उनके खिलाफ ये कार्रवाई की। तीनों छात्रों की डिग्रियां भी रोक दी गई हैं।
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कॉन्वोकेशन में प्रधानमंत्री मोदी स्पीच दे रहे थे। इसी बीच सुरेंद्र निगम, अमरेंद्र आर्या, राम करन निर्मल ने रोहित वेमुला सुसाइड केस को लेकर मोदी गो बैक के नारे लगाए। पुलिस ने तीनों को तुरंत प्रोग्राम से बाहर निकाल दिया था। तीनों ने बीबीएयू से एलएलएम की पढ़ाई पूरी की थी और डिग्री लेने पहुंचे थे। यूनिवर्सिटी ने उन्हें गेस्ट के तौर पर हॉस्टल में ठहराया था।
स्टूडेंट राम करन ने कहा कि देश में दलितों के साथ हमेशा अन्याय होता रहा है। अगर हम लोग उसके खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे तो कौन उठाएगा? कई छात्र डर के कारण नहीं आए, क्योंकि उन्हें अपना करियर खराब नहीं करना था।जब पुलिस हम लोगों को लेकर गई तो गाड़ी में 30 मिनट तक हम लोगों को मारा गया। मेरा करियर खराब करने की साजिश हो रही है। मेरी मांग है कि मुझे मेडल और डिग्री दी जाए। अगर आप संघ की विचारधारा से सहमत हैं, तो आपको वीसी और टीचर का पद दिया जाता है। यूनिवर्सिटी का जो इस तरह से भगवाकरण किया जा रहा है। उसे बंद किया जाना चाहिए।
स्टूडेंट अमरेंद्र ने बताया कि जो विरोध किया उसका कोई अफसोस नहीं है। मोदी के खिलाफ बोलने का मुझे कोई अफसोस नहीं है। उन्होंने बीबीएयू में रोहित वेमुला के लिए क्यों संवेदना जताई? जबकि उन्हें तो हैदराबाद जाना चाहिए।
घटना के बाद बीबीएयू के वीसी आरसी सोबती ने कहा था कि जिन लड़कों ने पीएम के खिलाफ नारे लगाए थे, वे दागी प्रकृति के हैं। उनके खिलाफ केस भी दर्ज हैं। ये स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी में दलित मूवमेंट चला रहे थे। उन्हें कॉन्वोकेशन के लिए नोड्यूस पर बुलाया गया था। यूनिवर्सिटी उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा।”