जौनपुर, भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी की मुहिम को ड्रामा करार देते हुये कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि उन्हें गरीबों की चिंता नही है। जो पैसा उद्योगपतियों में बांटा गया वह देश के किसानों , मजदूरों का पैसा है । गरीब किसानो का कर्ज माफ करने के बजाय श्री मोदी ने उद्योगपति विजय माल्या का 1200 करोड़ रुपये का कर्जा माफ कर दिया।
उन्होंने कहा कि मोदी जी ने पिछले लोकसभा चुनाव में कहा था कि विदेशों में जमा कालाधन मैं अपने देश में वापस लाऊंगा। उन्हें मालूम था कि सिर्फ 50 परिवारों के पास कालाधन है। स्विटजरलैंड में जमा कालाधन के बारे में नरेंद्र मोदी को लिस्ट पकड़ा रखी है। मैंने मोदी जी से कहा आप उन चोरों का नाम पार्लियामेंट में रखिए, ढाई साल हो गये लेकिन मोदी जी ने उनके नाम नहीं रखे।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने ढाई साल के कार्यकाल में देश के चुनिंदा 10-15 उद्योगपतियों में ही एक लाख 10 हज़ार करोड़ रूपये बाँट दिए । उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री अमीरों का कर्ज माफ करना चाहते हैं तो यह उनका निजी फैसला है। कांग्रेस इसके खिलाफ नहीं हैं मगर हमारी केवल एक ही मांग है कि आप केवल सूट-बूट की सरकार न चलाये , आपको सरकार गरीबों के लिए चलानी चाहिए ।
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा में जितना पैसा डाला ,उससे तीन गुना अधिक उद्योगपतियों को दिया। मोदी ने सत्ता में आने से पहले हर परिवार के खाते में 15 लाख रूपये जमा कराने, किसानों के लिए लड़ने तथा किसानों के हक में ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने का वादा किया था मगर ढाई सालों में वे इन वायदों को भूल गए।
कांग्रेसी नेता ने कहा कि मोदी ने चुनाव के दौरान कहा था कि देश के दो करोड़ नौजवानों को नौकरी दी जायेगी मगर झूठ के पुलिंदे की इस सरकार ने अपना यह वादा भी नही निभाया। गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हिन्दुस्तान से भ्रष्टाचार को हटाना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आठ नवम्बर को नोटबंदी का निर्णय भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं था बल्कि मजदूरों, गरीब के खिलाफ था। श्री मोदी ने गरीब, ईमानदार लोगों से बिना पूछे ही उनका खून निकाल दिया। मोदी सरकार ढाई साल से गरीबों पर वार कर रही है।