नई दिल्ली, मंत्रिपरिषद में हाल के विस्तार के साथ ही वहां करोड़पतियों की संख्या बढ़कर 72 हो गयी है जबकि घोषित अपराधिक मामलों का सामना कर रहे मंत्रियों की संख्या 24 हो गयी है। पिछले हफ्ते 19 नये मंत्री मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए थे जबकि पांच हटाए गए थे। अब मंत्रिपरिषद में 78 मंत्री हैं।
दिल्ली के थिंकटैंक एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स (एडीआर) के मुताबिक मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए नये मंत्रियों की औसत संपत्ति 8.73 करोड़ रुपए की है जबकि मंत्रियों की पूरी परिषद की औसत संपत्ति 12.94 करोड़ रुपए की है।
एडीआर के अनुसार 78 केंद्रीय मंत्रियों में नौ मंत्रियों ने उनके पास 30 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति होने की घोषणा की है जिनमें वित्त मंत्री अरुण जेटली (113 करोड़ रुपए), खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल (108 करोड़ रुपए) और बिजली मंत्री गोयल पीयूष वेदप्रकाश (95 करोड़) आदि शामिल हैं। नये मंत्रियों में पर्यावरण मंत्री एवं मध्यप्रदेश से राज्यसभा सदस्य अनिल माधव दवे के पास सबसे 60.97 लाख रुपए की संपत्ति है। कुल छह मंत्रियों ने घोषणा की कि उनके पास एक करोड़ रुपए से कम की संपत्ति है।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार नये मंत्रियों में मध्यप्रदेश से राज्यसभा सदस्य एम जे अकबर के पास सर्वाधिक 44.90 करोड़ रुपए की घोषित संपत्ति है। दूसरे नंबर पर पी पी चौधरी (35.35 करोड़ रुपए) और तीसरे नंबर पर विजय गोयल (29.97 करोड़ रुपए) हैं, दोनों राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं। एक करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति वाले नये मंत्रियों में रमेश जिगाजीनागी, पुरुषोत्तम रूपाला, अनुप्रिया सिंह पटेल, महेंद्र नाथ, फग्गन सिंह कुलस्ते, राजेन गोहैन, एस एस अहलुवालिया, अर्जुन राम मेघवाल, सी आर चौधरी, मनसुखभाई लक्ष्मणभाई मडांविया और कृष्णा राज शामिल हैं।
नये मंत्रियों में सात ने घोषणा की कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। ऐसे में 78 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में ऐसे मंत्रियों की संख्या 24 है। जहां तक मंत्रियों की उम्र की बात है तो इस अध्ययन में कहा गया है कि तीन की उम्र 31 और 40 साल के बीच है, 44 मंत्री 41 और 60 साल के बीच के हैं तथा 31 मंत्री 61 और 80 साल के बीच हैं। एडीआर ने सभी मंत्रियों द्वारा अपने अपने लोकसभा और राज्यसभा चुनाव में दायर शपथपत्रों का विश्लेषण कर कहा है कि अब मंत्रिपरिषद में कुल नौ महिला मंत्री हैं। मंत्रिपरिषद के 78 मंत्रियों में 14 ऐसे हैं जो 12 पास या उससे भी कम पढ़े लिखे हैं, 63 ने स्नातक या उससे अधिक की पढ़ाई कर रखी है।