नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 12 अप्रैल के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार किये जाने की संभावना है। 12 अप्रैल को ही संसद का मौजूदा बजट सत्र खत्म हो रहा है।
रक्षा मंत्री पद से मनोहर पर्रिकर के इस्तीफे के बाद इस मंत्रालय का प्रभार अरुण जेटली को दिया गया है जिनके पास पहले ही भारी भरकम माना जाने वाला वित्त मंत्रालय है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खराब स्वास्थ्य के चलते उनके मंत्रालय को भी बदले जाने के आसार थे लेकिन बुधवार को संसद पहुंच कर उन्होंने अपने पुराने अंदाज में मोर्चा संभाल कर अटकलों को खारिज करने का प्रयास किया। इसके अलावा खबरें हैं कि अभी जिन राज्यों में चुनाव हुए हैं वहां से संबंधित कुछ मंत्रियों को पदोन्नत किया जा सकता है और जिन राज्यों में जल्द ही चुनाव होने हैं वहां से कुछ चेहरों को सरकार में मौका दिया जा सकता है। केंद्रीय टीम की नजर राज्यों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे मंत्रियों पर भी लगी है और उनमें से किसी मंत्री को दिल्ली लाये जाने की संभावना भी जतायी जा रही है।
भाजपा सूत्रों का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री मंत्रियों के प्रदर्शन पर गौर कर रहे हैं और इस आधार पर कुछ मंत्रियों को काम करने के लिए पार्टी संगठन में भेजा जा सकता है और संगठन से कुछ चेहरे सरकार में लिये जा सकते हैं जिनमें विनय सहस्रबुद्धे का नाम भी चल रहा है। भाजपा सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश से संजीव बाल्यान को राज्य मंत्री से पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है वहीं सांसद सत्यपाल सिंह को मंत्रिमंडल में मौका दिया जा सकता है। अभी देखना यह होगा कि पिछले साल हुए मंत्रिमंडल फेरबदल में अपना पद बचा गये कलराज मिश्र को मंत्री बनाये रखा जाता है या नहीं। पिछली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को देखते हुए उन्हें नहीं हटाया गया था। माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। उत्तराखंड से भी एक मंत्री और बन सकता है। पीयूष गोयल ने पांचों राज्यों के चुनावों में प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई और उन्हें भी पदोन्नत कर कैबिनेट रैंक दिया जा सकता है। आगामी दिनों में गुजरात, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में चुनाव होने हैं इसलिए संभव है वहां से केंद्र सरकार में भागीदारी और बढ़े।