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मोदी सरकार ने अपने शासन में जनता का हक मारने का किया काम: प्रियंका गांधी

टोंक, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं उसकी केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि वे सत्ता में आने के बाद इतने अहंकारी हो गए है कि जनता को भूल गये और अपने शासन में जनता का हक खत्म करने का काम किया गया और सरकार कुछ अमीरों के लिए बनकर रह गई हैं।

प्रियंका गांधी रविवार को राजस्थान में टोंक जिले के निवाई के पास झिलाय में जनसभा को संबोधित कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि देश में शासन कर रहे भाजपा नेताओं में इतना अहंकार आ गया है कि वे भूल चुके हैं कि उन्हें सत्ता में कौन लाया। वे जिस जनता के बल सत्ता में आये, उसे भूल चुके है। उन्होंने कहा कि नेता सता में आने के बाद भूल जाता है कि उसे सत्ता मे लाया कौन, यह बात उसे कभी नहीं भूलनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि खुद को भूमि पुत्र कहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करोड़ों के काफिले में चल रहे हैं और महंगाई को भूल गये है, अपने उद्योगपति मित्रों को आगे और जनता को पीछे रखते है।

प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार की नीतियां अमीरी को आगे बढ़ाने एवं गरीबों के लिए कुछ नहीं करने की बताते हुए है कि श्री मोदी जब विदेश से आते हैं और बाद में पता चलता है कि वे अपने उद्योगमित्रों के लिए डील कर आये । उन्होंने कहा कि क्या ऐसी सरकार चाहिए जो कुछ गिने चुने अमीरों को आगे बढाये या ऐसी सरकार चाहिए जो जनता के बिजली के बिल एवं कर्जा माफ कर दे।

उन्होंने कहा कि इतनी महंगाई क्यू हैं, रोजी रोटी के लिए थोड़े बहुत पैसे मिलते है तो देश भर में सिलेण्डर करीब एक हजार रुपए का है जबकि राजस्थान में कांग्रेस सरकार 500 रुपए में सिलेण्डर दे रही है लेकिन भाजपा के नेताओं को महंगाई से कोइ लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह नौबत क्यूं आई कि देश में प्रदेश सरकारों को महंगाई राहत शिविर लगाने पड़े। उन्होंने कहा कि देश में तेल इतना महंगा क्यू हैं, यह सवाल उठाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हाल में ज्यादा बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में लोगों का काफी नुकसान हुआ लेकिन वहां कांग्रेस सरकार ने लोगों की मदद का पयास किया।

प्रियंका गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि लेकिन प्रधानमंत्री के मित्र उद्योग अडानी ने क्या किया, सेव के भाव गिरा दिये, सीमेंट खरीदने गये तो उसके दाम बढ़ा दिये, इनके पीछे कौन है, इनके पीछे प्रधानमंत्री है जिन्होंने देश की संपति को उद्योगपतियों को देने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी परेशान हैं क्योंकि उनकी पेंशन छीन ली गई और जब देने का समय आता है तो कहते है कि पैसे नहीं है, क्योंकि उद्येागपति मित्रों को हजारों करोड़ के लोन माफ कर है और कर्म़ारियों की पेंशन छीन रहे हैं।