नई दिल्ली,मोदी सरकार एक प्रस्ताव तैयार कर रही है जिसके तहत देश के मेट्रो शहरों के गरीबों और मजदूरों को पक्का मकान किराये से मिल सकेगा. जहां सारी बुनियादी सुविधाएं मौजूद रहेंगी. आवास और शहरी मामलो के मंत्रालय एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है. इस प्रस्ताव के तहत 3 लाख रुपये सालाना या उससे कम आमदनी वाले गरीब, मजदूरों को महागनरों में एक कमरा किराये से देने की योजना तैयार की है.
मंत्रालय इस योजना को प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ जोड़ देगा. इस योजना में झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों को भी मुख्यधारा से जोड़ा सकता है. जिन्हें साफ पानी शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं मिल सकेंगी. एक खबर के मुताबिक, सिंगल रूम की ऊंची इमारते तैयार की जाएंगी. जिसमें झोपड़पट्टी में रहने वाले लोगों को किराये से घर दिए जाएंगे. इस योजना में उन लोगों को शामिल किया जाएगा, जो गांवों से रोजी रोटी के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन करते हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं होते, कि बड़े महानगरों में अच्छा सा किराये का घर या अपना घर ले सकें. यह योजना आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय और श्रम मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से इसे अमली जामा पहनाया जाएगा.
इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए शुरुआती दौर में मजदूर फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए हाउसिंग बोर्ड बनाय़आ जाएगा. जिसका संचालन आवास और शहरी मंत्रालय करेगा. इसका एक दूसरा मॉडल ये है कि निजी कंपनियों को भी मकान निर्माण की अनुमति दी जाएगी. उन्हें कुछ हिस्से में कमर्शियल की परमिशन दी जाएगी. बाकी के लिए मजदूरों के लिए आरक्षित रहेगाष लेकिन हाउसिंग फॉर ऑल में किराए की नीति मुख्य रूप से हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से काम करेगी.
सरकार की यह योजना वाउचर स्कीम के तहत चलाई जाएगी. जिसमें शहरी या लोकल बॉडी सबसे पहले 3 लाख से कम आमदनी वालों का रजिस्ट्रेशन करेगी. इसके बाद उन्हें वाउचर बांटे जाएंगे. किराएदार इन वाउचर्स को हाउसिंग बोर्ड में देगा. जबकि निजी डेवलेपर के मामले में, किराया वाउचर किसी भी नागरिक सेवा ब्यूरो में रिडीम किए जाएंगे.