नई दिल्ली, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर न केवल 45,000 कराेड़ रुपए का टेलीकॉम घोटाला करने बल्कि उसको छिपाने का भीआराेप लगाया है। दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाना ने कहा कि टेलीकॉम घोटाला मोदी सरकार के उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।
सुरजेवाला ने कहा कि जो पारदर्शिता की बात करते हैं उस मोदी सरकार ने 45,000 करोड़ रुपए का एक बड़ा घोटाला कर उसे छिपाकर रखा है। सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जो कहा करते थे कि ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ ने फिर साबित कर दिया है कि ये वादा भी झूठा था। यह टेलीकॉम घोटाला 45,000 करोड़ रुपयों का है और मोदी सरकार के उद्योगपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने छह टेलीकॉम कंपनियों पर जुर्माना नहीं लगाया, बल्कि उन्हें बचाया। सुरजेवाला ने कहा, ”छह टेलीकॉम कंपनियों की मदद मोदी सरकार ने फाइन ना लगाते हुए की है, उन्हें बचाने की कोशिश की गई है।”
सुरजेवाला ने कहा- कैग ने जिन 6 कंपनियों का ऑडिट किया है, उनमें भारती एयरटेल, वोडाफोन, रिलायंस, टाटा, आइडिया और एयरसेल शामिल हैं। कैग ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में तीन अहम जानकारियां दीं। पहली, इन 6 कंपनियों ने 2006-07 से 2009-10 तक एक्चुअल इनकम की तुलना में अपनी इनकम 46,045 करोड़ कम बताई। दूसरा, कैग ने पाया सरकार को इन कंपनियों से 12,488 करोड़ रुपए लाइसेंस स्पेक्ट्रम चार्जेज और दूसरे चार्ज वसूलने थे। इसमें पेनल्टी और अन्य टैक्स शामिल नहीं थे। तीसरा, मार्च 2016 में रिपोर्ट आने के तत्काल बाद कदम उठाने के बजाय सरकार ने टेलीकॉम मिनिस्ट्री में दोबारा एक सीए से इन आंकड़ों का इवैल्युवेशन करवाने का फैसला लिया। सुरजेवाला ने कहा कि इससे कैग द्वारा बताई गई रकम के कम करने या खत्म करने की गलत मंशा दिखाई देती है। यह 45 हजार करोड़ का स्कैम है।