उत्तर प्रदेश के नए भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले हैं. इनमें 302 (हत्या), 153 (दंगा भड़काना) और 420 (धोखाधड़ी) जैसे आरोप शामिल थे. लोकसभा चुनाव के लिए उन्होंने मई 2014 में जो हलफ़नामा चुनाव आयोग में दाख़िल किया था, उसके मुताबिक़ उनके ख़िलाफ़ 10 आपराधिक मामले हैं. मौर्य पर हत्या का आरोप रहा है. 2011 में ईद के दिन इलाहाबाद में चांद उर्फ़ मोहम्मद गौस की हत्या की साजिश का आरोप लगा था। जेल भी जा चुके हैं। जबकि केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि उन्हें इस आरोप से बाइज़्ज़त बरी कर दिया गया है. जो मुक़दमे उनके ख़िलाफ़ हैं, वो सभी आंदोलन के दौरान के हैं.
केशव प्रसाद मौर्य के अनुसार 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव के दौरान वह इलाहाबाद में रहते थे. उसी समय बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को जिताने के लिए तत्कालीन एक मंत्री ने एक थानेदार के साथ मिलकर उनके खिलाफ साज़िश रची थी और जेल भिजवाया था. उस मुक़दमे का निर्णय हो चुका है और वह उसमें बाइज़्ज़त बरी हो चुके हैं. जहाँ तक दूसरे मुक़दमों का सवाल है, वो सारे मुक़दमे आंदोलन के हैं.
केशव प्रसाद मौर्य कोइरी जाति से आते हैं. वह विश्व हिंदू परिषद के पूर्णकालिक सदस्य भी रहे हैं. एक और दिलचस्प बात ये भी है कि वे कभी चाय भी बेचते रहे हैं. केशव प्रसाद मौर्य कोइरी जाति से आते हैं। वह विश्व हिंदू परिषद के पूर्णकालिक सदस्य भी रहे हैं। केशव प्रसाद मौर्य सिराथू (कौशांबी) के कसया गांव के रहने वाले हैं। यहीं उनके पिता चाय की दुकान चलाते थे।
मौर्या कुछ समय तक अपने पिता के साथ चाय बेचने का काम कर चुके हैं। वो कुछ समय अखबार बेचने का भी कर चुके हैं। आज उनके पास करोड़ों की संपत्ति है। इलाहाबाद के बड़े हॉस्पिटल में से एक जीवन ज्योति हॉस्पिटल में वो पार्टनर हैं। लोकसभा इलेक्शन के हलफनामे के मुताबिक, उनके पास पेट्रोल पंप, एग्रो ट्रेडिंग कंपनी कामधेनु लाजिस्टिक हैं।
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