Breaking News

मौनी अमावस्या स्नान पर्व के लिये मेला प्रशासन ने कसी कमर

महाकुम्भ नगर, संगम की रेती पर उमड़ रहे जनसैलाब के बीच मेला प्रशासन ने 29 जनवरी को महाकुंभ के तीसरे स्नान पर्व मौनी अमावस्या के लिये चाक चौबंद इंतजाम किये हैं।

मौनी अमावस्या के दिन करीब 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। मेला प्रशासन और कुम्भ पुलिस की हरसंभव कोशिश है कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। मेला प्रशासन और कुम्भ पुलिस ने अमृत स्नान पर्व को देखते हुए व्यापक तैयारियां की हैं। पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है। संगम तटों पर बैरिकेडिंग का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे। श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए हर सेक्टर और जोन में विशेष व्यवस्था की गई है। इस दौरान किसी भी तरह का प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।

संगम नोज पर अत्यधिक भीड़ जमा न हो, इसके लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर मॉनिटरिंग करेगा। भीड़ वाले इलाकों में त्वरित कार्यवाही के लिए विशेष दल तैनात किए गए हैं। प्रमुख मार्गों पर खास निगरानी की जा रही है। साथ ही, अराजक और संदिग्ध लोगों पर भी नजर रखी जा रही है।

मेला क्षेत्र में अतिक्रमण कर लगाए गए अवैध दुकानों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। निरंतर कारवाई भी की जा रही है, जिससे श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा के लिए साफ और चौड़ी सड़कें उपलब्ध कराई जा रही हैं। स्वच्छता कर्मियों को साफ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

सभी पार्किंग क्षेत्रों को सक्रिय कर दिया गया है, जहां श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी। ट्रैफिक प्लान के अनुसार पहले सबसे पास की पार्किंग में वहां पार्क कराए जाएंगे और इसके बाद दूसरी पार्किंग को उपयोग में लाया जाएगा। 2000 से अधिक नए साइनेज लगाए गए हैं ताकि लोग सही दिशा में आसानी से जा सकें।

श्रद्धालुओं को मेला का आधिकारिक चैटबॉट डाउनलोड करने की अपील की गई है। यह चैटबॉट श्रद्धालुओं को हर तरह की जानकारी देगा, जिससे उनकी यात्रा और भी सुविधाजनक होगी। इसके साथ ही गूगल नेविगेशन और पुलिसकर्मी भी श्रद्धालुओं को सही राह दिखाएंगे।

शनिवार और रविवार की छुट्टी का असर महाकुंभ में साफ देखने को मिल रहा है। हर दिशा से श्रद्धालु संगम की ओर बढ़ रहे हैं। रेलवे स्टेशनों, बस स्टॉप और हाइवे पर श्रद्धालुओं का सैलाब देखा जा सकता है। पिछले दो दिनों (शुक्रवार और शनिवार) में ही सवा करोड़ से अधिक लोगों ने संगम में स्नान किया है।