झांसी, मार्च के महीने से ही भीषण गर्मी झेल रहे उत्तर प्रदेश के झांसी में लोगों के लिए सोमवार की सुबह लंबे समय बाद बड़ी राहत लेकर आयी। दो दिन से आसमान में छाये बादलों के कारण गर्मी से कुछ राहत तो मिली लेकिन आज तेज आंधी के बाद हुई बारिश ने जबरदस्त गर्मी झेल रहे झांसीवासियों को घरों से बाहर निकल मौसम का लुत्फ उठाने का मौका दिया।
मौसम विज्ञानी मुकेश चंद्रा ने झुलसा देने वाली गर्मी के बीच मौसम में आये इस बदलाव को कारण पश्चिमी विक्षोभ को बताया है। पिछले दो-तीन दिन से बादल छाए हुए थे और आगामी कुछ दिनों तक ऐसे ही छाए रहने के आसार हैं। इस आंधी और बरसात से आम, नीबू महुआ और तमाम पेड़ पौधों के लिए नुकसान हुआ है। सबसे बड़ी राहत तापमान में आयी कमी है। जो पारा दो तीन दिन पहले 45 और 46 के आसपास बना रहता था वह मौसम में बदलाव के बाद 36 से 37 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है।
पिछले दो दिन से आसमान में छाए काले काले बादलों ने आखिरकार सोमवार को मौसम का मिजाज बदल ही दिया। झांसी में नौतपा के ठीक पहले तेज आंधी के साथ हुई हल्की बारिश से सूरज की जबरदस्त तपिश झेल रहे लोगों ने राहत की सांस ली। मौसम में ठंडक आने के बाद लोग मौसम व बारिश की फुहार का आनन्द लेने के लिए घर से बाहर निकल आए। कोई बाइक से तो कोई कार में सवार होकर बारिश की फुहार और मौसम की ठंडक का आनंद लेते हुए सड़क पर दिखाई दिया।
आंधी के साथ हुई हल्की बारिश ने लोगों को तो खुशी मनाने और राहत महसूस करने का मौका दिया लेकिन किसानों के लिए यह बारिश आफत की बारिश बनकर आई है। किसान नेता गौरी शंकर बिदुआ ने बताया कि इस समय आम और महुए के फल लगे हैं हालांकि फल अभी छोटे ही हैं। इस दौरान आंधी ने अधिकांश को गिरा दिया है और आंधी ने भी रही सही कसर पूरी कर दी है। कुल मिलाकर किसान के लिए हर जगह बर्बादी ही बर्बादी है।
वही आचार्य विष्णु गोलवलकर ने बताया कि नौतपा के पहले पानी बरसना हालांकि शुभ संकेत नहीं है। फिर भी ये कल के बाद तय होगा कि नौतपा में तापमान बढ़ेगा या कम होगा। यदि मौसम साफ हो जाएगा तो तापमान बढ़ जाएगा। और यदि ऐसा ही रहा तो तापमान गिर जाएगा।