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यशभारती सम्मान की होगी जांच, मुलायम सिंह के घर पूजा-पाठ कराने वाले को भी मिला

लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैसला लिया है कि वह राज्य के सबसे बड़े सम्मान यश भारती की जांच करवाएंगे.मायावती ने अपनी सरकार आने पर यह पुरस्कार बंद कर दिए थे. लेकिन 2012 में अखिलेश यादव सरकार ने इसे दोबारा शुरू करवा दिया.

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मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि गलत लोगों को पुरस्कार देकर इस सम्मान की गरिमा नहीं गिरानी चाहिए. अगर जांच में पाया गया कि पुरस्कार पाने वाले इसके हक़दार नहीं थे तो सम्मान तो अब वापस नहीं हो सकता लेकिन उनको ताउम्र मिलने वाली 50 हज़ार रुपये महीना पेंशन बंद हो सकती है.

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हद तो तब हो गयी जब पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के घर मे पूजा पाठ करने वाले को भी अखिलेश यादव ने यश भारती पुरस्कार से सम्मानित कर दिया. समाजवादी पार्टी दफ्तर में काम करने वाले उन दो कर्मचारियों को पत्रकारिता की श्रेणी में यूपी का सबसे बड़ा पुरस्कार दे दिया गया, जिनका पत्रकारिता से कोई वास्ता नहीं है.

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यह अवॉर्ड मुलायम सिंह यादव ने 1994 में शुरू किया था. इसमें यूपी से ताल्लुक रखने वाले ऐसे लोगों को दिया जाता है जिन्होंने ने कला, संस्कृति, साहित्य या खेलकूद के क्षेत्र में देश के लिए नाम कमाया हो. इस पुरस्कार में 11 लाख रुपये के अलावा ताउम्र 50 हजार रुपये की पेंशन भी मिलती है. यह पुरस्कार अमिताभ बच्चन, हरिवंश राय बच्चन, अभिषेक बच्चन, जया बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, शुभा मुद्गल, रीता गांगुली, कैलाश खेर, अरुणिमा सिन्हा, नवाज़ुद्दीन सिद्द़ीकी़, नसीरूद्दीन शाह, रविंद्र जैन, भुवनेश्वर कुमार जैसी हस्तियों को मिल चुका है.