लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ के सामने कहा कि यश भारती पुरस्कार पूरी तरह नियमों के तहत दिए गए हैं। डॉ. नूतन ठाकुर ने बुधवार को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ के सामने कहा कि यश भारती पुरस्कार पूरी तरह नियमों के तहत दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा इस सम्बन्ध में दायर याचिका में संस्कृति सचिव डॉ. हरिओम ने 13 जनवरी के शपथपत्र में कहा है कि यश भारती पुरस्कार 12 जनवरी 2006 और 31 अक्टूबर 2012 के निर्देशों के अनुसार दिए जाते हैं। साथ ही पुरस्कार देते समय इन निर्देशों का पूरी तरह पालन किया गया है। शपथ पत्र में यह स्वीकार किया गया है कि आखिरी तारीख तक आवेदन पत्र प्राप्त किये गए हैं। राज्य सरकार ने जवाब में कहा है कि यश भारती के सम्बन्ध में निर्णय लेने का अधिकार एक मात्र मुख्यमंत्री को है और उनके स्तर पर किसी भी निर्देशों का उल्लंघन नहीं हुआ है। गौरतलब है कि अमिताभ ठाकुर ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि यश भारती पुरस्कार मनमाने तरीके से अनुपयुक्त लोगों को दिया गया है, जिस पर अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था।