यहां पर मुसलमानों को ‘जबरन खिलाया जा रहा है सुअर….
March 27, 2019
नई दिल्ली,इस देश में मुसलमानों को जबरन सुअर खिलाया जा रहा है,जबकि इस्लामिक मान्यताओं में सुअर खाना हराम है। चीन में मुसलमानों पर जुल्म ढाया जा रहा है। ‘मानसिक शुद्धिकरण’ शिविरों में उन्हें जबरन सुअर खिलाया जाता है, जबकि चीनी भाषा (मैंडरिन) बोलने पर भी मजबूर किया जाता है। ये खुलासा हाल ही में वहां के पूर्व बंदी ओमिर बेकाली ने किया है। ‘डेली मेल’ ऑनलाइन पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, शिन्जियांग स्थित कारामे के शिविर में वह दो हफ्ते रहे थे, जहां बंदियों का ब्रेनवॉश (धार्मिक मान्यताओं को लेकर) किया जाता था।
यही नहीं, शिविरों में बंदियों से चीन के राष्ट्रवादी गाने गाने और खुद की आलोचना करने के लिए कहा जाता था। बेकाली ने दर्द भरी आपबीती इसलिए भी साझा की है, क्योंकि वह चाहते हैं कि शिविरों में फंसे लोग आवाज उठाएं, ताकि और लोग वहां होने वाली जोर-जबरदस्ती का शिकार न बनें। चीनी सरकार अक्सर मुस्लिमों के साथ होने वाले इस शोषण और अत्याचार के आरोपों को सिरे से खारिज करती रही है। सफाई में कई बार कहा गया है कि ये ‘वोकेश्नल एजुकेशन सेंटर’ हैं, जहां पर लोगों को चरमपंथी/कट्टरपंथी विचारों से निजात दिलाने की कोशिश की जाती है। चीन के उप-विदेश मंत्री ली युचेंग ने इन शिविरों को ‘कैंपस’ बताया था।
शिन्जियांग सरकार के चेयरमैन शोहरत जाकिर ने चीन की सालाना संसदीय बैठक के बाद पत्रकारों से कहा था, “हमारे शैक्षणिक और प्रशिक्षण केंद्र जरूरत के हिसाब से स्थापित किए गए हैं। जो भी यहां पर चीजें सीखने-समझने आता है, उसमें बड़े स्तर पर बदलाव आ जाता है।”वहीं, बेकाली का कहना है कि ये कैंप शिक्षित करने के बजाय ट्रॉमा की स्थिति में इंसान को डाल सकते हैं। उनके अनुसार, “शिविरों में हर सुबह सभी को चीन का राष्ट्रगान गाना पड़ा है। मैंने वैसा कभी नहीं करना चाहा, पर रोज की आदत की वजह से मजबूरी बन गई।
आतंकियों की मदद करने के आरोपों के चलते सात महीने जेल में गुजारने के बाद बेकाली को उस शिविर में भेजा गया था, जहां पर शुक्रवार को सुअर खिलाया जाता था। बता दें कि शुक्रवार (जुमा) का दिन मुसलमानों के लिए बेहद पवित्र माना जाता है, जबकि इस्लामिक मान्यताओं में सुअर खाना हराम है।