शिमला, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कल रात से जारी मूसलाधार बारिश के कारण अब तक पांच लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य लापता बताये गये हैं।
मौसम विभाग के अनुसार कांगड़ा में सर्वाधिक 346 मिलीमीटर वर्षा हुई है। धर्मशाला में 333 और जोगिन्दरनगर में 210 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इस मानसून सीजन में बारिश का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है। मौसम विभाग ने आगामी 24 अगस्त तक प्रदेश के मैदानी और मध्यपर्वतीय भागों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है।
राज्य में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई जिलों में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने कहर बरपाया है। भूस्खलन से नौ मकान गिर गये हैं। मंडी, चम्बा और हमीरपुर जिलों में वर्षा जनित घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई, और 15 लापता हैं। लापता लोग मलबे में दबे हैं और इनके जीवित बचने की आशंका बेहद कम है। चिंता की बात यह है कि बारिश जारी रहने की वजह से बचाव दलों को रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ रही है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वर्षा के दौरान मारे गये लोगों की मौत पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की है। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक चम्बा जिला की चुआडी तहसील के बनेट गांव में स्लेट पोश मकान के ढहने से दम्पति और उनके नौ वर्षीय बेटे की मौत हो गई। मंडी जिला के गोहर उपमंडल के काशन गांव में दो मकानों के ध्वस्त होने से सात लोग मलबे में दब गए हैं। इन्हें निकालने के लिए बचाव टीमें भरसक प्रयास कर रही हैं।
मंडी जिला के बागी के समीप पराशर सड़क पर भूस्खलन से 4-5 वाहनों को नुकसान पहुंचा है। जिला के मंडी-कटौला-पराशर मार्ग पर बागी नाला में बादल फटने से आई बाढ़ से कई घरों को नुकसान पहुंचा है। यहां बाढ़ की चपेट में आने से एक पूरा परिवार लापता हो गया है। राहत व बचाव कार्य में लगे लोगों को एक बच्ची का शव मिला है, जबकि अन्य आठ लोग लापता हैं।
बादल फटने के बाद रात बागी से पुराने कटौला तक दर्जनों परिवारों ने अपने घर छोड़ कर सुरक्षित जगहों पर रात बिताई है। बागी नाले पर बनाया पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह कस्बे थुनाग बाजार में भी नाले की बाढ़ ने दर्जनों दुकानों और वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। थुनाग बाजार में भी भारी तबाही हुई है।
हमीरपुर जिला के सुजानपुर में ब्यास नदी में आई बाढ़ से खीरी गांव के एक दर्जन घर खतरे की जद में आ गए हैं। लगभग 22 गांववासी सेलाब में फंस गए हैं। इनमें 18 लोगों को बचाया गया है। इसके अलावा नदी पर बना पुल भ्शी टूट गया जिससे सड़क के दोनों ओर आने जाने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। शिमला जिला के ठियोग कस्बे में भूस्खलन से चार वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। सुन्नी इलाके के मझिवार और मंजु गांवों को जोड़ने वाला पुल धराशायी हुआ। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की रिपोर्ट नहीं है। शिमला शहर के आरटीओ के पास मुख्य सड़क के धंसने से यातायात को एकतरफा किया गया है।