नई दिल्ली, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली बुधवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आम बजट पेश किया। देश के इतिहास में पहली बार बजट तय समय से करीब एक महीने पहले पेश हो रहा है। इस बार रेल बजट और आम बजट एक साथ पेश हो रहे हैं, जबकि 1924 से ही रेल बजट अलग पेश होने की परंपरा रही है। इस बजट से लोगों को बहुत सी उम्मीदें हैं। आम लोगों को आयकर अधिनियम की धारा 80सीसी के तहत कर छूट की सीमा बढ़ाए जाने की उम्मीद है तो उद्योग जगत को कॉर्पोरेट कर, उत्पाद एवं सीमा शुल्क में सुधार की उम्मीद है। इसमें कुछ ऐसे प्रस्तावों को भी पेश किए जाने की उम्मीद है, जिससे नोटबंदी के कारण प्रभावित हुई देश की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने में मदद मिलेगी।
अरुण जेटली ने अपने शुरुआती बजट भाषण में नोटबंदी को सरकार का एक साहसिक कदम बताया और कहा कि इससे दशकों से जारी कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, महंगाई नियंत्रित हो गई है। निम्न विकास दर की जगह उच्च विकास दर ने ले ली है और काले धन के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि अगले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में बजट में शामिल प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।