दौराला क्षेत्र के गांव मछरी निवासी सुशील (38) पुत्र ओमपाल का दो साल पहले गांव के ही धीरेंद्र से रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया था। इसमें धीरेंद्र के बेटे बादल के पैर में गोली लगी थी। जिसमें सुशील के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया कि तभी से दोनों में विवाद था। हांलाकि ग्रामीणों ने दोनों पक्षों को बैठाकर समझौता करा दिया था। बताया कि शनिवार दोपहर सुशील अपने पिता ओमपाल के साथ ट्रैक्टर द्वारा खेत से लौट रहा था।
वे गांव में अरुण के घर के सामने पहुंचे तो धीरेंद्र और उसके पुत्र आकाश ने रिवाल्वर से गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इस पर सुशील ट्रैक्टर से कूदकर जान बचाने के लिए पीछे की ओर दौड़ा तो वहां धीरेंद्र के भाई सुधीर, उपेंद्र और प्रभात ने उस पर गोलियां बरसा दीं। सुशील गोली लगने के बावजूद एक घर में घुस गया, मगर आरोपियों ने उसे घर से बाहर निकालकर बीच रास्ते में ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। सिर में गोलियां लगने से सुशील की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद पांचों आरोपी फरार हो गए। इस वारदात से गांव में दहशत फैल गई।
इसकी जानकारी पाकर दौराला और कंकरखेड़ा पुलिस पहुंची और जानकारी ली। पुलिस ने सुशील के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मौके पर ग्रामीणाें की भीड़ जमा हो गई। वहीं, मृतक सुशील के पिता ओमपाल ने धीरेंद्र, आकाश, सुधीर, उपेन्द्र और प्रभात के खिलाफ दौराला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। सीओ दौराला, डाॅ. अरविंद कुमार का कहना है कि सुशील की हत्या रंजिशन हुई है। मृतक के पिता ने पांच ग्रामीणों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। सुशील के खिलाफ भी दौराला थाने में हत्या का प्रयास, मारपीट और आर्म्स एक्ट के सात मुकदमे दर्ज थे। पुलिस ने दबिश दी, लेकिन अारोपी नहीं पकड़े जा सके।
फायरिंग से गांव में अफरा-तफरी
हत्यारोपियों ने सुशील पर गोलियां चलानी शुरू की तो गांव में अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने करीब बीस राउंड फायर किए। पुलिस ने मौके से कई खोखे बरामद किए है। फायरिंग शुरू होते ही ग्रामीण अपने घरों में दुबक गए।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
सुशील की पत्नी अरुणा की 2008 में मौत हो गई थी। सुशील के 13 वर्षीय बेटे चिराग, मां बाला, बहन पूनम और पिता ओमपाल का रो-रोकर बुरा हाल है। पीड़ित परिवार ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।