नई दिल्ली, दुनिया भर में बच्चों के लिये काम करने वाली संस्था संयुक्त राष्ट्र की इकाई यूनिसेफ ने अपनी स्थापना की 70वीं सालगिरह मनाई। इस दौरान दुनिया भर के बच्चों के लिए अपने द्वारा किए गए प्रयासों और उन लाखों बच्चों तक पहुंचने के आहृान को फिर से दोहराया जिनका जीवन और भविष्य आज भी गरीबी, असमानता, भेदभाव एवं संकट के जाल में जकड़ा हुआ है।
इस मौके पर यूनिसेफ के भारत में प्रतिनिधी लुईस जार्ज ने कहा यूनिसेफ की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सभी ज़रूरतमंद बच्चों तक मदद पहुंचाने के उद्देश्य से की गई- चाहे वे किसी भी देश में रहते हों या चाहे देश ने युद्ध में कुछ भी योगदान दिया हो। हमारा मिशन आज भी उतना ही तात्कालिक और उतना ही सार्वभौमिक है। दुनिया भर में इतनी बड़ी संख्या में बच्चे आज भी ज़रूरतमंद हैं, ऐसे में हम हर बच्चे के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
संगठन की स्थापना युद्ध के बाद यूरोप, चीन एवं मध्य-पूर्व में हर बच्चे की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा की गई। सरकारों, सिविल सोसाइटी, निजी क्षेत्र एवं सम्बद्ध नागरिकों से मिले स्वयंसेवी योगदान और वित्तपोषण के साथ इसकी पहुंच तेज़ी से विस्तारित हुई और 1955 तक यह 90 से ज्यादा देशों में बच्चों के कल्याण के लिए काम कर रही थी।
आज यूनिसेफ दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है जो 190 देशों एवं क्षेत्रों में अपने साझेदारों के साथ, 13000 राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्टाफ के माध्यम से हर बच्चे तक पहुंचने के लिए प्रयासरत है। दुनिया के सबसे मुश्किल स्थानों में यूनिसेफ के अथक प्रयासों के चलते हाल ही के दशकों में बच्चों के कल्याण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। अपने पांचवे जन्मदिन से पहले मर जाने वाले बच्चों की संख्या पिछले 25 सालों में आधे से भी कम हो गई है। लाखों बच्चों को गरीबी के जाल से बाहर निकाला गया है। प्राइमरी-स्कूल आयु वर्ग के बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर 1990 के बाद से 40 फीसदी कम हो गई है।
भारत में यूनिसेफ की यात्रा प्रतिबद्धता एवं कामयाबी की उल्लेखनीय कहानी है, जिसने लाखों बच्चों को उनके सपनों को पूरा करने और बेहतर भविष्य पाने में मदद की है। आज हम सरकार के साथ काम करते हुए सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हर बच्चे को जीवन में निष्पक्ष शुरूआत करने का मौका मिले। हर बच्चे के स्वास्थ्य, सुरक्षा, शिक्षा और देखभाल को सुनिश्चित करना हम सभी की संयुक्त ज़िम्मेदारी है।
इस मौके पर भारत में यूनिसेफ के प्रतिनिधी लुईस जार्ज, पदम वीभूषीत एनसीपीसीआर की चेयर पर्सन डाॅ. शांता सिन्हा, पदम वीभूषीत बहन सुधा वर्गीय, डाॅ. (प्रो) एचपीएस सचदेवा, डाॅ. सोमजीता चक्रवर्ती मौजूद थी। इसके अलावा फ्रंट लाईन की कार्यकर्ता विमला देवी और नजमा निखत भी मौजूद थी।