लखनऊ, उत्तर प्रदेश में दो लोक सभा सीटों के लिये हो रहे उपचुनाव में आजमगढ़ सीट पर 13 और रामपुर सीट पर 07 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच में आजमगढ़ सीट से दो और रामपुर सीट पर एक उम्मीदवार का पर्चा खारिज कर दिया गया। गौरतलब है कि सोमवार को नामांकन की अंतिम समय सीमा पूरी होने तक आजमगढ़ सीट पर कुल 15 और रामपुर सीट पर आठ लोगों ने उम्मीदवारी के लिये नामांकन किया था।
नामांकन पत्रों की जांच के बाद आजमगढ़ सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार धर्मेन्द्र यादव का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिनेश कुमार ‘निरहुआ’ और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के शाह आलम गुड्डू जमाली से होगा। इसके अलावा रामपुर सीट पर सपा के उम्मीदवार आसिम रजा का मुकाबला भाजपा के घनश्याम लोधी से होगा।
आजमगढ़ सीट पर उपचुनाव में सपा ने पहले सुशील कुमार आनंद उर्फ पप्पू को उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने रविवार को अखिलेश को पत्र लिखकर यह कहते हुए चुनाव लड़ने से मना कर दिया कि उनका नाम दो जगह मतदाता सूची में शामिल है, ऐसे में कानूनन उनका नामांकन निरस्त हो सकता है।
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ से सांसद चुने गये सपा अध्यक्ष अखिलेश और रामपुर सीट पर आजम खान के इस्तीफे के कारण इन दोनों सीट पर उपचुनाव के लिये 23 जून को मतदान होगा और 26 जून को मतगणना होगी। नाम वापसी की अंतिम तिथि 09 जून है।
अखिलेश और आजम ने हाल ही में उप्र विधान सभा के सदस्य चुने जाने के बाद लोक सभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि सपा के लिये उपचुनाव वाली दोनों सीट जीतना प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। भाजपा ने भी इन सीटों पर सपा को घेरने की पूरी कोशिश की है। रामपुर सीट पर आजम के करीबी रहे और अब भाजपा में शामिल हो चुके घनश्याम लोधी को उम्मीदवार बना कर पार्टी ने सपा में भितरघात का लाभ उठाने की पूरी कोशिश की है। इससे पहले भाजपा की ओर से इस सीट पर उपचुनाव में केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को उम्मीदवार बनाने की चर्चा जोरों पर थी।
इसके अलावा सपा के गढ़ आजमगढ़ में बसपा के उम्मीदवार गुड्डू जमाली ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है। यह स्थिति भाजपा के लिये राहत देने वाली है तो सपा के लिये मुश्किलें खड़ी कर सकती है। पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा ने निरहुआ को ही उतारा था लेकिन उन्हें अखिलेश से पराजय का सामना करना पड़ा।