लखनऊ, यूपी मे, विधान सभा चुनावों को लेकर कोंग्रेस बिल्कुल अलग तरह की रणनीति के साथ मैदान मे उतर रही है। इसमे राहुल गांधी की देवरिया से दिल्ली किसान यात्रा को सफल बनाने की तैययारी भी शामिल है। राहुल गांधी अपनी खाट चौपाल खत्म करके आगे बढ़ जाएंगे, लेकिन एक खास जिम्मेदारी कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सौंप जाएंगे। कांग्रेस के किसान फॉर्म को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों के घर घर जाएंगे और भरवाएंगे.
कांग्रेस के कार्यकर्ता निर्धारित लक्ष्य के अनुसार घर-घर दस्तक देंगे। पहले इन तीन बिंदुओं पर अपनी बात समझाएंगे। सहमत होने पर वह फॉर्म भरवाएंगे। कर्ज माफ, बिजली का बिल हाफ, न्यूनतम समर्थन मूल्य का करो हिसाब का नारा फॉर्म में सबसे ऊपर लिखा है। इसके साथ ही एक गोल दीवार पर चिपकाने वाला पोस्टर और एक छोटा मोबाइल पर चिपकने वाला पोस्टर है, सभी पर कांग्रेस का चुनाव निशान और 27 साल यूपी बेहाल का नारा है, इनको एक पीले रंग के नारा लिखे बस्ते में कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा। बैंकों और व्यक्तिगत जानकारी के आधार पर कांग्रेस का कार्यकर्ता इस बस्ते के साथ कर्जदार किसानों के घर जाएगा पूरा फॉर्म भरवाया जाएगा। जिसमें नाम, पता, मोबाइल नंबर के कर्ज की राशि भरी जाएगी। फिर फॉर्म के दूसरे भाग में भी यही डिटेल होगा, लेकिन उसमें एक लाल रंग की गोल मुहर के साथ कर्ज माफ लिखा होगा और फाड़कर वो हिस्सा किसान को दे दिया जायेगा। यानी लिखित वादे के साथ कि, कांग्रेस सत्ता में आई तो कृषि का कर्ज माफ होगा, बिजली का बिल आधा होगा और उचित समर्थन मूल्य मिलेगा।
किसान की अनुमति से कांग्रेस का गोल वाला पोस्टर घर के दरवाजे पर चिपका दिया जाएगा। फिर फॉर्म पर लिखे नंबर पर किसान के नंबर से मिस कॉल की जाएगी, उसके बाद छोटा गोल पोस्टर उसके मोबाइल पर चिपका दिया जाएगा। किसानों को विश्वास दिलाने के लिए मोदी को न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का वादा नहीं पूरा करने का आरोप भी लगाया जाएगा और यूपीए की किसान कर्ज माफी का इस्तेमाल भी होगा।
विधानसभा चुनाव के दावेदारों को दस-दस हजार, जो जिलाध्यक्ष या शहर अध्यक्ष टिकट मांग रहे हैं, उन्हें पंद्रह हजार और फ्रंटल संगठन पदाधिकारियों को 200-200 सहमति पत्र भरवाने होंगे। यह सारी तैयारी राहुल गांधी की देवरिया से दिल्ली किसान यात्रा को सफल बनाने की ही कसरत है।