नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत की ओर बढ़ रही भारतीय जनता पार्टी के सामने सबसे प्रमुख चुनौती यह है कि देश के सबसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए वह किसके नाम पर मुहर लगाएगी। इसमें सबसे आगे नाम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का चल रहा है, उसके बाद खुद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी इस दौड़ में हैं। वहीं पूर्वांचल में भाजपा के कद्दावर नेता और सांसद योगी आदित्यनाथ के नाम पर भी चर्चा चल रही है।
लेकिन इन सबके बीच भाजपा के सांसद साक्षी महाराज ने एक बयान देकर इस मामले में नया पेंच लगा दिया है। उन्होंने दलित या फिर अन्य पिछड़ी जाति के किसी चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही है। शुरुआती रुझानों में भाजपा को मिल रही धमाकेदार बढ़त के बाद एएनआई से बातचीत के दौरन साक्षी महाराज ने कहा, उत्तर प्रदेश में 20-22 प्रतिशत दलित और 27 प्रतिशत अन्य पिछड़ी जातियां हैं। मेरे क्ष्याल से भाजपा को चाहिए कि वह दलित या फिर ओबीसी समुदाय से किसी को मुख्यमंत्री बनाएं।
साक्षी महाराज खुद भी लोढ़ी समुदाय से आते हैं जो कि उत्तर प्रदेश की अन्य पिछड़ी जातियों में शामिल है। हालांकि भाजपा के प्रवक्ता अमन सिन्हा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चयन भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में किया जाएगा। भाजपा पूरी तरह से 15 साल के बाद उत्तर प्रदेश में आगामी सरकार बनाने के लिए तैयार है। भाजपा ने आखिरी बार 1996 चुनाव के बाद बसपा के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई थी।