सहारनपुर की डिप्टी डायरेक्टर रश्मि वरुण ने 28 जनवरी को अपने फेसबुक वॉल पर कासगंज हिंसा को लेकर पोस्ट लिखा. जिसमें उन्होंने कासगंज हिंसा की तुलना सहारनपुर हिंसा से की. पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘तो ये थी कासगंज की तिरंगा रैली. यह कोई नई बात नहीं है. अंबेडकर जयंती पर सहारनपुर के सड़क दूधली में भी ऐसी ही रैली निकाली गई थी.
उसमें से अंबेडकर गायब थे या कहिए कि भगवा रंग में विलीन हो गये थे. कासगंज में भी यही हुआ. तिरंगा गायब और भगवा शीर्ष पर. जो लड़का मारा गया, उसे किसी दूसरे, तीसरे समुदाय ने नहीं मारा. उसे केसरी, सफेद और हरे रंग की आड़ लेकर भगवान ने खुद मारा. जो नहीं बताया जा रहा है वो ये कि अब्दुल हमीद की मूर्ति या तस्वीर पे तिरंगा फहराने की बजाय इस तथाकथित तिरंगा रैली में चलने की जबरदस्ती की गई और केसरिया, सफेद, हरे और भगवा रंग पे लाल रंग भारी पड़ गया.
मामला सामने आने के बाद डिप्टी डायरेक्टर की पोस्ट की चर्चा बड़े अधिकारियों में जोर-शोर से हो रही है. वहीं डिप्टी डायरेक्टर रश्मि वरुण ने कहा की फेसबुक पोस्ट में ऐसी कोई बात नहीं लिखी गई है, जो किसी के खिलाफ हो. उन्होंने कहा गणतंत्र दिवस मनाने का सभी को अधिकार है. इससे पहले या बाद मनाने का कोई मतलब नहीं होना चाहिए साथ. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कोई गलत मैसेज चलता हैं, तो उसे रोकने की पहल नहीं होती बल्कि वायरल होता चला जाता है. इससे माहौल बिगड़ने के हालात पैदा होते हैं.