लखनऊ,उत्तर प्रदेश के यादव ने केन्द्र सरकार से राज्य की विशालता, जनसंख्या एवं उसकी खाद्य अभिरुचि के दृष्टिगत प्रदेश की जनता को उसी मानक के अनुरूप खाद्यान्न उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।
केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान को लिखे पत्र में उन्होंने उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार के 15 दिसंबर, 2015 के पत्र का संदर्भ दिया है, जिसके द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के प्रथम चरण के लिए चयनित जनपदों हेतु खाद्यान्न आवंटित किया गया है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने अवगत कराया है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में अन्त्योदय श्रेणी के लाभार्थियों को गेहूं एवं चावल का जिस प्रकार वितरण किया जा रहा है उसके तहत पूर्वी उत्तर प्रदेश के 9 मण्डलों-लखनऊ, फैजाबाद, देवीपाटन, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, इलाहाबाद एवं मिर्जापुर में, अन्त्योदय लाभार्थियों को 10 किलोग्राम गेहूं व 25 किलोग्राम चावल दिया जाता है। इसी प्रकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 9 मण्डलों-मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी एवं चित्रकूट में जहां लाभार्थियों को 15 किलोग्राम गेहूं व 20 किलोग्राम चावल दिया जाता है। श्री यादव ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के लागू हो जाने पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के 9 मण्डलों में पात्र गृहस्थियों को 2 किलोग्राम गेहूं व 3 किलोग्राम चावल प्रति व्यक्ति प्रति माह तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 9 मण्डलों में पात्र गृहस्थियों को 3 किलोग्राम गेहूं व 2 किलोग्राम चावल प्रति व्यक्ति प्रतिमाह उपलब्ध कराए जाने का प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया गया था। इसी अनुपात के आधार पर प्रदेश के लाभार्थियों हेतु खाद्यान्न आवंटित करने का अनुरोध भारत सरकार से किया गया था। किन्तु भारत सरकार द्वारा जो आवंटन जारी किया गया है, वह उक्त मानकों के अनुरूप नहीं है। प्रदेश की इस आवश्यकता एवं तात्कालिकता को देखते हुए ही भारत सरकार से प्राप्त आवंटन में गेहूं 3.5 किलोग्राम एवं चावल 1.5 किलोग्राम की दर से वितरण कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने वर्णित परिस्थितियों में अनुरोध किया है कि उत्तर प्रदेश के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत अन्त्योदय लाभार्थियों को पूर्व की भांति एवं पात्र गृहस्थियों को उपरोक्तानुसार 3 व 2 अथवा 2 व 3 किलोग्राम चावल/गेहूं प्रति व्यक्ति प्रतिमाह की दर से ही खाद्यान्न आवंटित कराया जाए, ताकि प्रदेश की जनता अपनी अभिरुचि के अनुसार खाद्यान्न प्राप्त कर उससे लाभान्वित हो सके।