नई दिल्ली,आज अचानक तेज हवा के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई। कई क्षेत्रों में तेज गरज-चमक के साथ मूसलधार बारिश हुई और ओले पड़े। इससे जहां फसलों को क्षति हुई वहीं ठंड में एक बार फिर से इजाफा हो गया। मौसम की स्थिति को लेकर किसानों के माथे पर भी बल देखा जाने लगा है।
राबर्ट्सगंज नगर में करीब दो घंटे तक रूक-रूक कर बारिश होती रही। इस बीच करीब 20 मिनट तक मटर के दाने के बराबर ओले पड़े। बच्चे ओले को हाथ में उठाकर खेलते तो युवा व अधेड़ उम्र के लोग भी हाथ में लेकर ओले के साइज को आजमाते नजर आए। बारिश के कारण वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग पर फ्लाईओवर के नीचे जलजमाव हो गया। इससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसी तरह मधुपुर, सुकृत, करमा, खलियारी, रामगढ़, वैनी, गुरमा और ओबरा क्षेत्र में भी बारिश के साथ ओले पड़े।
आज दिन में जैसे-जैसे बारिश तेज हो रही थी और ओले गिर रहे थे, वैसे-वैसे किसानों के माथे पर पसीने के साथ चिता की लकीरें गहराती जा रही थी। वह इसलिए क्योंकि महीनों की मेहनत पानी में मिलती नजर आ रही थी। वे अपने आराध्य से यही मना रहे थे कि मौसम खुल जाए। अब जो हुआ सो हुआ। आगे नुकसान न हो। किसानों की मानें तो इस समय दलहनी-तिलहनी फसल पककर तैयार है। जिसकी नहीं पकी है बस पांच-सात दिन की ही देर है। कई किसान तो कटाई भी करा रहे हैं। ऐसे में यह बारिश इन फसलों के लिए काल के बराबर है। गेहूं की फसल तैयार हो रही है। बारिश और ओले से फसल गिर गई। इससे उत्पादन भी प्रभावित होने की आशंका है।
अनपरा में सुबह ऊर्जांचल में घनघोर घटा छाई रही। दिनभर रिमझिम बारिश का सिलसिला चलता रहा। पूरे दिन भगवान भाष्कर के दर्शन नहीं हुए। अचानक तापमान में भारी गिरावट आने से ठंड बढ़ गई। आसमान बादलों से ढका रहा। बाजारों में ठंड के चलते सन्नाटा छाया रहा। गर्म कपड़े को फिर से निकाल कर लोग पहनना शुरू कर दिए है। शक्तिनगर में गत तीन दिनों से बिगड़ते मौसम व बारिश से ठंड फिर से लौट आई है। रविवार को साप्ताहिक बाजार बारिश से पूर्णतया प्रभावित रहा। दिन में भी अंधेरा छाया रहा है। ऊर्जा गेट के सामने लगने वाले रविवार को बाजार में ग्राहक एवं दुकानदार भींगते हुए खरीदारी करते रहे।