जौनपुर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में महिलाओं को 40 फीसद सीटों पर चुनाव लड़ाने की घोषणा से महिलाओं में जबरदस्त उत्साह है लेेकिन यह भी सच है कि जौनपुर से पिछले सात दशकों में सिर्फ छह महिलायें ही विधानसभा व एक विधान परिषद की दहलीज पार कर सकी हैं।
राजनीति में दिलचस्पी रखने वाली महिलाओं को प्रियंका की घोषणा से उम्मीद बंधी है कि अन्य दलों भी उनका अनुसरण करते हुये महिलाओं को ज्यादा मौके देंगे। आजादी के बाद से 18 बार विधानसभा चुनाव या उपचुनाव जौनपुर जिले के इतिहास में हुए हैं जिनमें केवल छह महिलाएं ही विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो पाई हैं। इनमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व तारा देवी ( कांग्रेस), सावित्री देवी पटेल ( सपा ), सीमा द्विवेदी ( भाजपा ), श्रद्धा यादव ( सपा ), लीना तिवारी ( अपना दल ) और सुषमा पटेल ( पहले बसपा और अब सपा ) हैं जबकि विधान परिषद में पहुँचने वाली एक मात्र पाल ( गड़ेरिया ) बिरादरी की प्रभावती पाल ( बसपा ) हैं। इस प्रकार जौनपुर जिले से विधानसभा में पहुँचने वाली छह और विधान परिषद में पहुँचने वाली मात्र यानी कुल सात महिलाएं ही हैं ।
आजादी के बाद जौनपुर जिले में मड़ियाहूं विधानसभा क्षेत्र से 1957 में कांग्रेस के टिकट पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तारा देवी विधायक चुनी गई थी, उसके बाद इसी विधानसभा से 1989 में पहली बार जनता दल के टिकट पर और 1993 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर दूसरी बार सावित्री पटेल विधायक बनी थीं । गढ़वारा विधानसभा क्षेत्र से 1996 व 2007 में तथा मुंगरा बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से 2012 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट से सीमा द्विवेदी विधायक चुनी गई थी । मड़ियाहू विधानसभा क्षेत्र से 2012 में श्रद्धा यादव समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव जीतकर विधायक बनी थीं , इसके साथ ही 2017 में हुए विधानसभा के चुनाव में मडयाहू विधानसभा क्षेत्र से अपना दल और भाजपा के गठबंधन से लीना तिवारी और मुंगरा बादशाहपुर से बहुजन समाज पार्टी के टिकट से सुषमा पटेल विधायक चुनी गई हैं।