लखनऊ, अमेरिका समेत पूरी दुनिया मे जब 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की तैयारियाें में जुटी है तो शायद बहुत कम लोगाें को पता होगा कि योग जैसी दुलर्भ वैज्ञानिक पद्ध्ति से पहली बार दुनिया को रूबरू कराने वाले महर्षि पतंजलि का पैतृक गांव गाेंडा के वजीरगंज मे है।किवदंतियाें के अनुसार महर्षि पतंजलि का जन्म ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में उत्तर प्रदेश में गाेंडा के वजीरगंज नामक गांव में हुआ था। ये व्याकरणाचार्य पाणिनी के शिष्य थे। पतंजलि महान चिकित्सक थे और इन्हें‘ चरक संहिता ‘ का प्रणेता माना जाता है। ‘योगसूत्र‘ पतंजलि का महान अवदान है। हालांकि कुछ स्थानीय लोगाें ने महर्षि पतंजलि के नाम से एक समिति का गठन कर रखा है और क्षेत्र के विकास के लिये सरकारी मदद की तलाश में हैं। उनका मानना है कि योग की बढ़ती लोकप्रियता से पंतजलि की जन्मस्थली को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा सकता है।
इस बारे में गाेंडा के जिलाध्कारी ने कहा कि मैंने अभी हाल ही में यहां पदभार ग्रहण किया है। मुझे इस बारे में खास जानकारी नहीं है। कुछ रोज पहले पतंजलि न्यास समिति के कुछ लोग मुझसे जरूर मिले थे। मै उस गांव का जल्द ही दौरा करूंगा और जानूंगा कि इस क्षेत्र का विकास किस तरह से किया जा सकता है।