वाराणसी, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक अस्थिरोग विशेषज्ञ ने घुटने संबंधी रोगों के उपचार के लिए एक सस्ती स्वदेशी प्लेट एचटीओ (हाई टिबेल ऑस्टेओटॉमी) विकसित की है। इसके उपयोग से घुटना प्रत्यारोपण अथवा जोड़ों को बदलने जरूरत नहीं पड़ेगी।
नगर के वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डॉ अजीत सैगल द्वारा विकसित इस एचटीओ प्लेट का 100 से अधिक मरीजों पर सफल परीक्षण किया जा चुका है। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से इसका पेटेंट जारी किया गया।
डॉ सैगल ने शनिवार को बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत विकसित की गयी यह प्लेट पुराने गठिया मरीजों के उपचार में भी कारगर सिद्ध हुई है। मरीजों में ऑपरेशन के जरिये प्लेट के लगाने से जोड़ों को बदलने की जरूरत नहीं पड़ती है। टेढ़े पांव के रोग से ग्रस्त मरीजों के लिए भी यह बहुत उपयोगी साबित होगी। प्लेट की कीमत कम होने से मध्यम वर्गीय मरीज के साथ ही आयुष्मान भारत जैसी योजना से जुड़े गरीब लोगों को इसका लाभ मिल सकता है। उन्होंने बताया कि प्लेट लगाए जाने से दो सप्ताह के अंदर ही मरीज चलने फिरने लगता है। पूरा घुटना मुड़ने के साथ ही उसे पालथी मार कर बैठने में भी दिक्कत नहीं होती। यह प्लेट कई दशक तक खराब नहीं होती है।