लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि सरकार सभी पत्रकारों को आवासीय सुविधा प्रदान करना चाहती है। गोरखपुर में एक मॉडल पर कार्य किया जा रहा है। यदि वह सफल रहा तो बहुत जल्द प्रदेश के सभी नगरों-महानगरों के पत्रकारों के लिए आवासीय योजना लाई जाएगी।
कोरोना संक्रमित होकर दिवंगत हुए पत्रकारों के परिजनों को 10-10 लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान करते हुए श्री योगी ने कहा कि कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों के बीच भी पत्रकारों ने जिस प्रकार समाज को जागरूक किया और व्यवस्था की कमियों को सकारात्मक भाव के साथ प्रकट किया, वह सराहनीय है।
उन्होने कहा कि पत्रकार और सरकार दोनों के रास्ते भले ही अलग क्यों न हों, लक्ष्य एक ही है। दोनों ही राष्ट्रमंगल और लोककल्याण का लक्ष्य लेकर काम करते हैं। न्यूनतम संसाधन और विपरीत परिस्थितियों के बीच भी लक्ष्य के सापेक्ष उनका कार्य सतत जारी रहता है। सरकार सभी पत्रकारों को आवासीय सुविधा प्रदान करना चाहती है। गोरखपुर में एक मॉडल पर कार्य किया जा रहा है। यदि वह सफल रहा तो बहुत जल्द प्रदेश के सभी नगरों-महानगरों के पत्रकारों के लिए आवासीय योजना लाई जाएगी। उन्होंने इस बारे में नीति और पात्रता आदि तय करने के लिए सम्पादकों की एक समिति गठित करने के भी निर्देश दिए।
सुशासन दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में दिवंगत 53 पत्रकारों के परिजनों को पांच करोड़ 30 लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की। इससे पहले, बीते वर्ष जुलाई में 50 पत्रकारों के परिजनों को भी 10-10 लाख रुपये की सहायता दी गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के बीच प्रदेश में 103 पत्रकारों का कोरोना संक्रमण से असमय दुःखद निधन हो गया। यह एक भावुक क्षण है। दुःख की इस घड़ी में राज्य सरकार हर परिवार के साथ खड़ी है। संबल के रूप में आज हर परिवार को 10 लाख रूपये की सहायता राशि दी जा रही है। इसके अलावा, निराश्रित महिलाओं को नियमानुसार पेंशन, निराश्रित बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और पीएम केयर योजनान्तर्गत अन्य सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।