लखनऊ, राज्य तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ, माध्यमिक शिक्षा विभाग और उत्तर प्रदेश वालेंटरी हेल्थ एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त घोषित करने पर बल दिया है।
राज्य तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ, माध्यमिक शिक्षा विभाग और उत्तर प्रदेश वालेंटरी हेल्थ एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को यहां वर्चुअल अभिमुखी कार्यशाला का आयोजन किया । जिसका मुख्य विषय सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त घोषित किया जाना है।
आज के इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि डॉ अलोक कुमार (निदेशक पैरामेडिकल), राज्य नोडल अधिकारी डॉ सुनील पाण्डेय, राज्य सलाहकार सतीश त्रिपाठी, सूर्यप्रकाश पाठक (राज्य सलाहकार मानसिक स्वस्थ्य), द यूनियन से तकनिकी सलाहकार प्रणय लाल एवं डॉ अमित यादव, सलाम बाम्बे के दीपक पाटिल के द्वारा सभी जिला स्तरीय अधिकारीयों का क्षमतावर्धन किया गया।
सर्वप्रथम विवेक अवस्थी ने उपस्थित सभी लोगो का स्वागत किया एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा का आभार व्यक्त करते हुए उनके कार्यक्रम में निरंतर सहयोग की सराहना की। उन्होंने आज के परिवेश में युवाओें में तम्बाकू के बढ़ते उपयोग एवं उसके रोकने के लिए प्रयास पर जोर दिया।
श्री सतीश त्रिपाठी ने वताया कि अभी हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी आंकडों के अनुसार 23 प्रतिशत लड़कों एवं 24 प्रतिशत लडकियों द्वारा किसी न किसी रूप में तम्बाकू उत्पादों का उपयोग, 22 प्रतिशत विद्यार्थियों द्वारा सार्वजानिक स्थानों पर परोक्ष धूम्रपान किया जा रहा है। साथ ही साथ सर्वे रिपोर्ट देखें तो 23.1 प्रतिशत पुरुष, 3.2 प्रतिशत महिलाएं और सभी वयस्कों का 13.5 वर्तमान में तंबाकू का सेवन करते हैं। 42.6 प्रतिशत पुरुष, 15.2 प्रतिशत महिलाएं और सभी वयस्कों का 29.4ः वर्तमान में धूम्ररहित तंबाकू का प्रयोग करें।
इस मौके पर द यूनियन के डॉ अमित यादव के द्वारा युवाओं को तम्बाकू की लत से दूर रखने एवं न्यू जनरेशन को तम्बाकू के जोखिम के कारकों से अवगत कराने के साथ सभी जिलो में तम्बाकू नियंत्रण कानून कोटपा-2003 के समस्त धाराओं के प्रभावी क्रियान्वयन में हमें सहयोग करना है। उन्होंने सिगरेट एंड अदर टोबेको प्रोडक्ट अधिनियम 2003 विभिन्न धाराओं पर चर्चा करते हुए सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध कानून को सख्ती से अमल करने पर बल दिया। उन्होंने तम्बाकू निधेष कानूनों की विस्तार से चर्चा की।
डॉ सुनील पाण्डेय (राज्य नोडल अधिकारी तम्बाकू नियंत्रण ) के अपने वक्तव्य में सभी उपस्थित लोगो का बहुत बहुत स्वागत एवं आभार व्यक्त किया एवं कहा कि तम्बाकू मुक्त शिक्षण संसथान में शिक्षा विभाग के सहयोग रीढ़ की हड्डी सवित होगा । उन्होंने लडकियों में बढ़ते तम्बाकू के उपयोग पर चर्चा की एवं उसे रोकने के लिए शिक्षण संस्थानों के 100 ग़ज के दायरे में तम्बाकू की विक्री प्रतिबंधित है का अनुपालन किये जाने पर जोर दिया।
द यूनियन के तकनिकी सलाहकार प्रणय लाल जी ने तम्बाकू इंडस्ट्री के हस्तक्षेप को कैसे रोका जाय इस पर चर्चा करते हुए तम्बाकू इंडस्ट्री के लुभावने व खोखले वादे व झूठे बातों न आने की सलाह दी । उन्होंने वताया कि केरला के तर्ज पर स्कूलों में बच्चों द्वारा तम्बाकू निगरानी ग्रुप का गठन कर अपने शिक्षण संस्थानों में तम्बाकू के उपयोग पर रोक लगाये एवं जारी गाइडलाइन का अनुपालन कराते हुए 100 ग़ज के दायरे से तम्बाकू की दुकानों को पुलिस विभाग के सहयोग से हटवाने पर जो दिया।
दीपक पटेल समस्त जिला विद्यालय निरीक्षक स्वस्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए अपने क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त घोषित करने के साथ इसके दुष्प्रभाव के लिए लोगाें जागरुक करने पर बल दिया। इस मौके विकास श्रीवास्तव ( उप- निदेशक माध्यमिक शिक्षा ) ने बताया की उत्तर प्रदेश में एक करोड़ से अधिक माध्यमिक विद्यालय एवं 25 हजार इण्टर कालेज है। साथ ही उन्होंने तम्बाकू कंपनियां कैसे गुमराह करती है ये जानकारीपूर्ण वक्तव्य को आई ओपन जैसे बताया। उन्होंने गाइडलाइन के अनुपालन के लिए सभी जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित किया एवं तम्बाकू मुक्त शिक्षण संसथान में सहयोग के लिए कहा ।
कार्यक्रम में डॉ आलोक ने बताया कि तम्बाकू नियंत्रण में प्रदेश की प्रगति बेहतर है एवं डब्ल्यूएचओ द्वारा इसकी सराहना एवं पुरस्कार भी दिया गया जो आप सभी के बेहतर प्रयास का प्रतिफल है।