में 41610 आरक्षियों के मामले में हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों को राहत देते हुए ऐसे लोगों को प्रशिक्षण पर भेजने का आदेश दिया है, जिनका पुलिस सत्यापन पूरा हो गया है। इससे पूर्व कोर्ट द्वारा स्थगनादेश न बढ़ाए जाने के बाद पुलिस विभाग ने एक बैच के 12687 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण पर भेज दिया था। भेजे गए अभ्यर्थियों के ही बैच के करीब आठ हजार चयनित आरक्षियों को विभाग ने प्रशिक्षण पर नहीं भेजा था। इनकी ओर से सत्येन्द्र यादव और सात अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर न्यायमूर्ति बी. अमित स्थालेकर ने सुनवाई की।
याची के वकील अनूप त्रिवेदी और विभू राय का कहना था कि सिपाही भर्ती में क्षैतिज आरक्षण प्रक्रिया गलत तरीके से लागू की गई। महिला, पूर्व सैनिकों को मिलने वाला आरक्षण सामान्य की सीटों पर दिया गया, जबकि इसे आरक्षित कोटे के भीतर ही भरा जाना चाहिए था। इस विसंगति लेकर अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने पहले नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी थी।
मगर बाद में स्थगन आदेश को बढ़ाया नहीं गया। इसके बाद पुलिस विभाग ने कुल चयनित 38 हजार अभ्यर्थियों में से 20 हजार लोगों के पहले बैच में 12687 लोगों को प्रशिक्षण के लिए भेज दिया गया, जबकि शेष बचे करीब आठ हजार लोगों को प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजा जा रहा है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद आदेश दिया है कि बचे हुए अभ्यर्थियों में से जिनका पुलिस सत्यापन पूरा हो गया है उनको प्रशिक्षण पर भेजा जाए। यह भी स्पष्ट किया है कि चयनित अभ्यर्थियों का चयन इस मामले में लंबित याचिका पर होने वाले अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा।