इटावा , उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के चकरनगर इलाके के डिभौली गांव मे आई बाढ से जान बचाने के लिए एक परिवार ने शमशान घाट मे शरण ली हुई है।
इस परिवार को मदद का भरोसा पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और इटावा से भाजपा के सांसद प्रो.रामशंकर कठेरिया ने भी दिया । उन्होने पीडित परिवार के हुए नुकसान की भरपाई के साथ साथ उंचे स्थान पर रहने के लिए आवास दिलाने का भरोसा दिया था लेकिन सांसद के दौरे के बाद पुलिस ने धमकाना शुरू कर दिया । सांसद ने इस परिवार को रात के अंधेरे मे उजाले के लिए टार्च जरूर प्रदान की है ।
सांसद काफिले के साथ डिभोली गांव में अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचे। गांव में जगह न होने से यहां आसरा बनाए पीड़ित ज्ञान सिंह के परिवार से मिले। पीड़ित को ग्राम पंचायत की जमीन पर पक्का आवास दिलाने के लिए तहसीलदार चकरनगर यदुवीर सिंह यादव से बात की। परिवार के सदस्यों ने सांसद से रोते हुए कहा कि अभी घर रहने लायक नहीं है। ठीक होते ही जगह खाली कर देंगे । सांसद ने ग्रामीण से कहा कि वह उसकी समस्याओं का निस्तारण करने के लिए ही आए हैं। परिवार के तीनों सदस्यों को तीन टॉर्च प्रदान की। फिलहाल देर रात पुलिस के धमकाने के बाद भी यह परिवार अभी भी शमशान घाट मे ही डेरा जमाये हुए है ।
शमशान घाट पर डेरा जमाये हुए ज्ञान सिंह निषाद का परिवार यमुना नदी के पास खेतों में कच्चा घर बनाकर रह रहा था लेकिन पिछले दिनो एक रात में अचानक बाढ़ आ जाने से घर में पानी घुस गया और सबकुछ बह गया जिससे बचने के लिए आनन-फानन में घर का समान बचाने के लिए मवेशियों को निकाल शमशान घाट पर शरण ले ली ।
निषाद ने बताया कि बाढ से बचने के लिए वो अपने 5 बच्चो पत्नी और दर्जन भर मवेशियो के साथ शमशान घाट मे शरण पाये है । मजदूरी करके अपना पेट पालने वाले ज्ञान सिंह बाढ़ की आपदा मे अपना सब कुछ गंवाने वाले परिवार सहित यमुना पुल के पास बने शमशान घाट पर पहुंच गए।
ज्ञान सिंह की पत्नी ममता देवी का कहना है कि मजदूरी के चलते श्मशान में खाना बना कर खुद वा बच्चो को खिला रही है । उन्होने कहा कि ऐसी जगह कौन रहना चाहता है जहॉ पर लाश जलाई जाती हो लेकिन मजबूरी मे सब कुछ करना पड रहा है । उनको ना तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर मिला, ना ही पंचायत की तरफ से किसी प्रकार का शौचालय प्राप्त हुआ था ।
बाढ़ से चकरनगर तहसील में भारी तबाही हुई है। चंबल इलाके के 31 गांवों के 1399 परिवार बाढ़ से खासे प्रभावित हुए हैं । 500 से अधिक परिवार बेघर हो गए। बाढ़ का पानी उतरते ही राजस्व विभाग ने बाढ़ ग्रस्त गांवों में नुकसान का आंकलन शुरू कर दिया है। प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री बांटी गई है।
प्राथमिक तौर पर किए गए सर्वे में बाढ़ से 500 लोग बेघर होने और 300 से 400 के बीच लोगों के पक्के मकानों को क्षति हुई है। राजस्व विभाग बाढ़ ग्रस्त इलाकों में खेती-बाड़ी का सर्वे भी कर रहा है। जिससे कि किसानों को आर्थिक सहायता मिल सके।
उप जिलाधिकारी चकरनगर सत्य प्रकाश ने बताया कि क्षेत्र में राजस्व विभाग की टीम नुकसान का आंकलन कर रही है। बाढ़ पीड़ितों को जो नुकसान हुआ है, आंकलन के बाद तय सहायता राशि दी जाएगी।
भाजपा सांसद डा रामशंकर कठेरिया ने शुक्रवार को चकरनगर के बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंचे। चौरेला गांव तक वाहन से पहुंचना मुश्किल था। सांसद ट्रैक्टर पर बैठकर गांव पहुंचे। लोगों से राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली। सभी को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सांसद ने बाढ़ प्रभावित भरेह, हरौली गांवों के लोगों से भी मुलाकात की। ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के बाद उप जिला अधिकारी से गांव में दो बार सर्वे करवाने के लिए कहा। जिससे कि कोई भी पीड़ित सहायता राशि से वंचित न रह सके।
सांसद ने दोनों गांवों में 100-100 टार्च बांटी। इस दौरान उप जिलाधिकारी सत्य प्रकाश, तहसीलदार यदुवीर सिंह यादव, थानाध्यक्ष भरेह गोविंद हरी वर्मा के अलावा पूर्व ब्लाक प्रमुख मुकेश सिंह राजावत, भरेह प्रधान राघवेंद्र प्रताप सिंह सेंगर, हरौली प्रधान मनीष दीक्षित, पथर्रा प्रधान भूप सिंह निषाद, सरमन सेंगर, विनोद सेंगर, आलोक दुबे मौजूद रहे।
यमुना नदी का जलस्तर कम होने के बाद लवेदी क्षेत्र के ग्राम बिलहटी के मजरा मुचाई में ग्राम प्रधान ने ब्लीचिंग पाउडर से गलियों में सफाई कराई। ग्राम प्रधान बिलहटी मुरारी सिंह ने ब्लीचिंग पाउडर डलवाया। मुचाई व बसैया कछार में बिजली आपूर्ति भी बहाल कर दी गई है। टकरुपुर के मजरा कछपुरा व लखनपुरा में बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों को अभी परेशानी से जूझना पड़ रहा है।