बरेली, उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में भ्रूण लिंग की जांच करने वाले नौ अल्ट्रासाउंड सेंटर को सील कर दिया गया है जबकि चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है।
जिलाधिकारी बरेली शिवाकांत द्विवेदी ने रविवार को बताया कि पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत अल्ट्रासाउंड सेंटर में भ्रूण लिंग की जांच कराना कानूनी अपराध है। ऐसा पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। बरेली में 240 अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं। इसमें 75 अल्ट्रासाउंड सेंटर देहात क्षेत्र में है जबकि 166 अल्ट्रासाउंड सेंटर शहरी क्षेत्र में है। जनवरी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 23 केंद्रों की जांच की है। फरवरी में अब तक 32 अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच की जा चुकी है।
उन्होने बताया कि सोमवार से अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए गये हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने बरेली में अब तक 55 अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच पड़ताल की है। इसमें भ्रूण लिंग की जांच कराने के आरोप में कोपल हॉस्पिटल, डॉक्टर उपस्थित होने पर कृष्णा अल्ट्रासाउंड सेंटर, रेनू अल्ट्रासाउंड सेंटर फरीदपुर, वरदान अल्ट्रासाउंड सेंटर भुता पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके अतिरिक्त लाइफ केयर डायग्नोस्टिक सेंटर बहेड़ी, रीजनल हॉस्पिटल, ग्लोबल अल्ट्रासाउंड सेंटर बहेड़ी, कैंपर हेल्थ केयर सेंटर बरेली, अल्फा डायग्नोस्टिक सेंटर बरेली, राधिका आईवीएफ एंड चाइल्ड केयर सेंटर बरेली, पल्लवी अल्ट्रासाउंड सेंटर, रिगार्ड अल्ट्रासाउंड सेंटर देवचरा, जनता अल्ट्रासाउंड सेंटर फतेहगंज पश्चिमी बंद होने और डॉक्टर ना होने के आरोप में सील किए गए हैं।