लखनऊ, कम वर्षा के कारण फसलों पर मंडरा रहे संकट की आशंका के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने हर विकास खंड में वर्षा की सटीक जानकारी देने वाले रेन गेज यंत्र लगाने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैैठक में कहा था कि अल्प वर्षा के कारण किसी भी अन्नदाता किसान का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को विकास खंड स्तर पर रेन गेज की संख्या बढ़ाने को कहा है।
गौरतलब है कि रेन गेज वर्षा मापने का यंत्र है, जिससे कम या ज्यादा दोनों तरह की वर्षा का सटीक आंकलन किया जाता है। इस आंकलन के आधार पर तैयार डाटा की जानकारी किसानों के काफी काम आ सकती है। वह फसल की बोआई को लेकर चौकन्ना रह सकता है और संभावित नुकसान को कम कर सकता है। अभी तक तहसील स्तर पर रेन गेज सिस्टम लगाए थे और अब विकास खंड स्तर पर इन्हें बढ़ाए जाने से ब्लॉक व ग्राम पंचायतों तक ज्यादा से ज्यादा अन्नदाता किसानों को वर्षा की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक प्रदेश में स्वचालित और मैनुअल दोनों तरह के रेन गेज संचालित किए जा रहे हैं। रेन गेज के जरिए हम जान सकते हैं कि एक निश्चित स्थान पर कितने मिमी बारिश हुई है। प्रतिवर्ष किसी खास महीने में कितनी बारिश हुई है, इसका डाटा किसानों के काम आ सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए वह बोआई कर सकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अनुमानित 300 से 400 के बीच रेन गेज यंत्र संचालित हो रहे हैं। प्रत्येक ब्लॉक में यंत्र लगाए जाने के लिए हमें देखना होगा कि किन ब्लॉक में यंत्र लगे हैं और कहां नहीं।
मौसम विभाग अलग-अलग नोडल अफसरों के जरिए जिले स्तर पर प्रतिदिन, साप्ताहिक एवं सत्र स्तर पर मौसम का बुलेटिन जारी करता है। वहीं, ब्लॉक स्तर पर भी विभाग की ओर से मौसम का पूर्वानुमान जारी किया जाता है। हालांकि, ब्लॉक स्तर पर रेन गेज बढ़ाए जाने पर एक निश्चित स्थान पर वर्षा का सटीक आंकलन किया जा सकेगा। इससे स्थानीय किसानों को फायदा होगा और वो मौसम के अनुसार ही फसल की सुरक्षित बोआई को सुनिश्चित कर सकेंगे।