लखनऊ ,उत्तर प्रदेश मे दिल के मरीजों की संख्या में तीन गुणा बढ़ोत्तरी होना चिंता का विषय है। यह एक विकट स्वास्थ्य चुनौती बनती जा रही है। लेकिन घबराने की जरूरत नही है। तमिलनाडु में स्टेमी दिल के दौरे के चिकित्सकीय प्रबंधन के मॉडल ने सराहनीय नतीजे मिले हैं। उत्तर प्रदेश में भी किंग जार्ज चिक्तिसा विश्वविद्यालय के हृदय रोग का श्हब बना कर, यही मॉडल पेश किया जा सकता है ।
स्टेमी इंडिया 2018 के निदेशक और किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के हृदय रोग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ0 वी एस नारायण ने कहा कि स्टेमी अथवा दिल का तीव्र दौरा एक चुनौतीपूर्ण समस्या है। यदि इसका समय रहते इसका इलाज नही किया तो मरीज़ की जान भी जा सकती है।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ0 ऋषि सेठी ने बताया कि ष्स्टेमी दिल के दौरे में, हृदय की प्रमुख धमनी में अचानक 100ः अवरोध हो जाता है। साधारण दिल के दौरे में अक्सर ह्रदय की प्रमुख धमनी में 100ः अवरोध नहीं होता है। स्टेमी दिल का दौरा अत्यंत घातक है। समय रहते उचित उपचार के द्वाराए मृत्यु दर को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है। स्टेमी रोगी को 90 मिनट के अन्दर उचित उपचार मिल सके तो उसकी जान बच सकती है।
उन्होने बताया कि देश में प्रतिवर्ष स्टेमी से पीड़ित 30 लाख रोगियों में से केवल दो पतिशत को समय रहते उचित उपचार मिल पाता है। अधिकाँश स्थितियों में रोगी को अस्पताल पहुँचने में ही 300 मिनट लग जाते हैं। इस समस्या का निदान करने के लिए, स्टेमी इंडिया ने दिल के दौरे के चिकित्सकीय प्रबंधन में सुधार लाने के लिए एक मॉडल विकसित किया हैए जिसमें हार्ट अटैक टीम की सहायता से, रोगी को समय से उचित इलाज उपलब्ध करवाया जा सकता है।
स्टेमी इंडिया की स्थापना कोवई मेडिकल सेंटर और अस्पताल के हृदयरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ थॉमस एलेग्जेंडर और मद्रास मेडिकल मिशन चेन्नई के हृदय रोग विभाग के निदेशक डॉ अजीत मुल्लासरीए ने की थी। स्टेमी इंडिया के निदेशक डॉ थॉमस एलेग्जेंडर द्वारा कोवई.इरोड में किये गए प्रारंभिक चिकित्सकीय पायलट शोध पर आधारित है तमिलनाडू प्रदेश का स्टेमी कार्यक्रम।
डॉ थॉमस एलेग्जेंडर ने कहा कि स्टेमी इंडिया ने हृदयाघात प्रबंधन के लिये एक अनूठे श्मॉडल ऑफ़ केयर को विकसित किया है, जिसके कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों, निर्धन रोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा सेवाओं और राजकीय एम्बुलेंस सेवाओं में परस्पर सहयोग आवश्यक है। इस मॉडल के तहत हर एम्बुलेंस तथा अस्पताल में एक श्स्टेमी किट फिट किया जाता है जिसके द्वारा रोगी का ईसीजी ;इलेक्ट्रो कार्डियोग्राम रिकॉर्ड करके बड़े अस्पताल में भेजा जा सकता है। अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ की एक टीम 24 घंटे कॉल पर उपलब्ध रहती जो उनके मोबाइल फ़ोन पर स्टेमी इंडिया ऍप द्वारा भेजी गयी ईसीजी रिपोर्ट का निदान करते हैं।