लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में पहली बार विकास के मुद्दे पर वोट पड़ेंगे, जातिगत समीकरणों पर नहीं। इसलिये उन्हें अपने दम पर बहुमत मिलने का यकीन है।
उन्होंने दावा किया कि जातिगत समीकरणों पर नहीं बल्कि पिछले पांच साल के उनके काम और नोटबंदी से जनता को हुई परेशानियां मतदाताओं को उनकी पार्टी की तरफ खींच लायेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि सपा में पारिवारिक कलह अब कोई मसला नहीं है और चुनावी मुद्दे पूरी तरह से बदल चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहली बार विकास के मुद्दे पर वोट पड़ेंगे, जातिगत समीकरणों पर नहीं। इसलिये उन्हें अपने दम पर बहुमत मिलने का यकीन है।
अखिलेश ने कहा, गठबंधन के बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष फैसला लेंगे लेकिन मेरी राय यह है कि वैसे तो हम सरकार बना रहे हैं लेकिन गठबंधन हो जायेगा तो हम 300 से ऊपर सीटें ले आयेंगे। कांग्रेस से गठबंधन की संभावना को सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव हालांकि खारिज कर चुके हैं लेकिन अखिलेश ने कहा कि अभी चुनाव में काफी समय है और तब तक हालात बदल सकते हैं। यह पूछने पर कि क्या उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास देने के लिये कुछ है, उन्होंने कहा, कांग्रेस कितनी भी कमजोर क्यो ना हो लेकिन धर्मनिरपेक्ष ताकतों का साथ होना जरूरी है। समाजवादियों का मानना है कि कांग्रेस जब सबसे कमजोर होती है तो सबसे अच्छी मित्र उन्हीं की होती है। यह पूछने पर कि नेताजी के इनकार के बाद भी क्या गठबंधन की कोई संभावना बची है, उन्होंने कहा, यह सही है कि नेताजी ने कहा है कि गठबंधन नहीं विलय होगा। देखिये आने वाले समय में क्या फैसला लेते हैं। अभी बातचीत होगी तो देखते हैं कि क्या बनता है। अभी चुनाव आने में बहुत समय है। राजनीति में क्या फेरबदल होता है कोई नहीं जानता।