लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने बंद पड़े सिनेमाघर को पुनः संचालित किए जाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही मल्टीप्लेक्स विहीन जिलों में जल्द से जल्द मल्टीप्लेक्स निर्माण को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार देर शाम एक बैठक में ये निर्णय लिये गये।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने पत्रकारों को बताया कि कि प्रदेश में बन्द एकल छविगृह, संचालित सिनेमाघरों का पुनर्निर्माण/रिमॉडल करवाने व मल्टीप्लेक्स विहीन जनपद, मल्टीप्लेक्स के निर्माण के लिये तथा सिनेमाओं के उच्चीकरण के लिये समेकित प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है। सिनेमाघर / मल्टीप्लेक्स द्वारा राजकोष में जमा की गयी एसजीएसटी से प्रस्तावित अनुदान दिया जायेगा, जिससे राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त व्यय भार नहीं आयेगा।
उन्होने बताया कि योजना ज़ारी होने की तिथि से पांच वर्ष के अन्दर बंद अथवा संचालित सिनेमा को तोड़कर व्यावसायिक काम्पलेक्स तथा आधुनिक सिनेमा निर्माण के लिए प्रथम तीन वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 100 प्रतिशत तथा अगले दो वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 75 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।
इसके अलावा योजना जारी होने की तिथि से पांच वर्ष के अन्दर बंद या संचालित सिनेमा भवन की आन्तरिक संरचना में परिवर्तन कर पुनः संचालित करने अथवा स्क्रीन की संख्या में वृद्धि करने के लिए प्रथम तीन वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 75 प्रतिशत तथा अगले दो वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।
बंद एकल सिनेमाघरों को बिना किसी आन्तरिक संरचना में परिवर्तन किये पुनः 31 मार्च 2025 तक जिला मजिस्ट्रेट से लाइसेंस प्राप्त कर फिल्म प्रदर्शन करने पर प्रथम 03 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 50 प्रतिशत अनुदान देय होगा जबकि व्यावसायिक गतिविधियों सहित/रहित, न्यूनतम 75 आसन क्षमता के एकल स्क्रीन सिनेमाघर के निर्माण के लिए प्रथम 03 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 100 प्रतिशत तथा अगले 02 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।
जिन जिलों में एक भी मल्टीप्लेक्स निर्मित/संचालित नहीं है, वहां मल्टीप्लेक्स खुलवाने के लिए पांच वर्ष तक एकत्रित एसजीएसटी का 100 प्रतिशत अनुदान देय होगा।